ग्रेटर नोएडा। अश्वनी गोयल सामाजिक कार्यकर्ता ने बताया कि कोरोना काल में एक तरफ जहां हॉस्पिटलों एवं डॉक्टरों ने समाज सेवा में एक नए आयाम स्थापित किए मेट्रो हॉस्पिटल द्वारा गलत नीतियों का प्रयोग करते हुए इसको व्यापार के रूप में मानते हुए लोगों से अधिकाधिक पैसे की वसूली की । हेमंत गोयल अधिवक्ता की धर्मपत्नी का मेट्रो हॉस्पिटल में इलाज करते समय निधन हो गया था हॉस्पिटल ने शासन द्वारा निर्धारित मानकों के अनुसार बिल नहीं बनाया एवं शव देने मैं भी आनाकानी की थी और पूरी रात शव पैसे ना देने के कारण अपने पास रखा जबकि प्रार्थी का मेडिकल इंश्योरेंस था और यह बात सर्वविदित है कि अगर विधि संगत बिल बनाया जाए तो संपूर्ण बिल इंश्योरेंस कंपनी द्वारा दे दिया जाएगा किंतु हॉस्पिटल ने पैसे अधिक मात्रा में जमा कराए जिस कारण माननीय कमेटी ने मेट्रो हॉस्पिटल को चेतावनी दी की भविष्य में कोई इस प्रकार की घटना ना हो और जो अधिक मात्रा मैं धन वसूल लिया है जल्द से जल्द प्रार्थी को वापस लौट आए। न जाने कितने लोगों ने पैसो के चक्कर में अपने परिवार जनों को खोया है
आपका अपना ।
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