ग्रेटर नोएडा। स्वतंत्रता दिवस की ७४वीं वर्षगाँठ गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय में बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस ७५वीं स्वतंत्रता दिवस के सम्पूर्ण कार्यक्रम का संचालन छात्रावास अभिरक्षक डॉ सुभोजित बनर्जी ने किया। बीते वर्ष की भाँति इस वर्ष भी गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय में कुछेक छात्रों की उपस्थिति में स्वतंत्रता दिवस मनाया गया।
कार्यक्रम की शुरुआत में कुलपति प्रो भगवती प्रकाश शर्मा डीर झंडाटोलन और राष्ट्रगान के साथ किया गया। तत्पश्चात डॉ बनर्जी ने इस वर्ष की ७४वीं स्वतंत्र दिवस की महता पे प्रकाश डालते हुए माननीय कुलपति से आग्रह किया वो समारोह में उपस्थित लोगों को सम्बोधित करें। प्रो शर्मा ने अपने सम्बोधन में भारतवर्ष की गरिमायी इतिहास कुछ मुख्य पहलुओं पर लोगों का ध्यान आकर्षित किया और कहा की हमें अपनी प्राचीन विधाओं और इतिहास से बहुत कुछ शिख सकते हैं और देश को एक आत्मनिर्भर भारत बनाने में अपना योगदान दे सकते हैं। आगे उन्होंने ने कहा की विश्वविद्यालय के शिक्षक एवं छात्रा नवीन तकनीकी एवं पराध्योगिकी में शोध करें और देश की तरक़्क़ी में अपनी भागीदारी करें। उन्होंने आगे कहा की विश्वविद्यालय में बौध अध्ययन की पढ़ाई होती है और आज के परिवेश में खाश कर कोविड महामारी के इस चुनौतिपूर्ण काल में बुद्ध की करुणा की शिक्षा को हम सभी को आत्मसात् करना चाहिए और अपने छात्रों में भी इस करुणा की शिक्षा को अपनाना चाहिए।
उन्होंने इतिहास के उन स्वर्णिम पन्नों की तरफ़ भी ध्यान देने को कहाँ जब भारतीय मराठा सेना ने दिल्ली पर राज किया और एक समय तो अट्टोक अफ़ग़ानिस्तान से लेकर कट्टक तक विभिन्न भारतीय राजाओं मिल कर अपना शासन क़ायम की थी। उन्होंने अपने व्यक्तव्य में अंग्लो-मराठा युद्ध की भी चर्चा की। कुलपति के संभाषण के पश्चात कुलसचिव डॉ विशवास त्रिपाठी धन्यवाद ज्ञापन में विगत शैक्षिक सत्र में समय से परीक्षा और परिणाम घोषित करने और प्रवेश विभाग द्वारा पिछले वर्ष और इस वर्ष भी छात्रों के नामांकन परिक्रिया को सुचारू रूप से करते हुए रेकर्ड प्रवेश करने और इस वर्ष विश्वविद्यालय में छात्रों की संख्या लगभग छः हज़ार होने की बात की और प्रवेश विभाग के सभी सदस्योंकी कठिन प्रयास और अथक मेहनत की तारीफ़ की।
0 टिप्पणियाँ