जिवाना गांव में रेलवे के अन्डरपास में टोयोटा फार्चूनर गाड़ी की छत पर बैठकर बची पुष्पेन्द्र मैत्री की जान।
केन्द्र और राज्यों की सरकारों से अन्डरपासों में पानी निकासी की उचित व्यवस्था करने का किया आग्रह।
बागपत के प्रसिद्ध समाजसेवी और शिव शक्ति सेवा ट्रस्ट के चैयरमेन पुष्पेन्द्र मैत्री निवासी किशनपुर बराल उस समय बाल-बाल बचे, जिस समय वह जिवाना गांव में रेलवे के अन्डरपास से अपनी टोयोटा फार्चूनर गाड़ी द्वारा गुजर रहे थे। अन्डरपास में पानी इतना ज्यादा था की गाड़ी लगभग पूरी डूब चुकी थी और पानी पर तैरने लगी।
पुष्पेन्द्र मैत्री ने हिम्मत दिखायी और गाड़ी से निकलकर उसकी छत पर जा बैठे। इस प्रकार उनकी जान बची, लेकिन इस सारी घटना के दौरान उन्होंने जो मानसिक पीड़ा झेली उसकी व्याख्या कर पाना सम्भव नहीं है। भविष्य में इस प्रकार की घटना किसी अन्य व्यक्ति के साथ ना हो इसके लिये उन्होंने लोगों से अपील की है कि अगर रेलवे के अन्ड़रपास में पानी भरा हो तो लोग अन्डरपास के द्वारा रास्ता पार करने में सावधानी बरते। बारिश के समय में तो वाहन के द्वारा बिल्कुल भी अन्डरपास में ना जाये, अन्यथा बड़ा हादसा हो सकता है। उन्होंने केन्द्रीय और राज्यों की सरकारों से भी आग्रह किया कि जहां-जहां पर रेलवे के अन्डरपास बने है और बारीश के समय में पानी इस सीमा तक बढ़ जाता है, जिसमें वाहनों और लोगों का जाना सम्भव नही है, उन सभी अन्डरपासों की पहचान कर अविलम्ब उन सभी जगहों पर पानी निकासी की उचित व्यवस्था की जाये, जिससे लोगों का जीवन संकट में ना पड़े। जब तक इस समस्या का समाधान ना हो अन्डरपासों से सम्बन्धित विभागों द्वारा अन्डरपासों के बाहर बड़े आकार का नोटिस बोर्ड लगाया जाये, जिसमें बारिश के दौरान अन्डरपासों में भरे पानी की गहराई और उससे सावधान रहने की चेतावनी लिखी होनी चाहिये। साथ ही साथ उस पर वैकल्पिक रास्ते के बारे में जानकारी होनी चाहिये, जिससे बाहर से आने-जाने वाले लोगों को किसी प्रकार की समस्या का सामना ना करना पड़े। इस बोर्ड पर आपातकालिक नम्बर भी प्रर्दशित होने चाहिये, जिससे की अविलम्ब उन नम्बरों पर काल कर सहायता मांगी जा सके।
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