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चलाई डायर पे गोली , वो कहानी याद आती है।।

देश के उन शहीदों की, कहानी याद आती है।
लुटा दी देश की खातिर, जवानी याद आती है।।
गिराया बम असेम्बली में,काकोरी रेल को लूटा ।
चलाई डायर पे गोली , वो कहानी याद आती है।।
चूमकर फांसी का फंदा,गले का हार समझा था।
ना बहाया आँख से पानी,वो रवानी याद आती है।।           
शहीद झाँसी की वो रानी, जिसे हम याद करते है।
सन सत्तावन की वो तलवार,पुरानी याद आती है।।
राजगुरु,सुखदेव,भगतसिंह अमर हुए इतिहासों में।
चढ़ा दी भेंट में चढ़ती ,जवानी याद आती है।।
लाखों कुर्बानी देकर हमने, 
तब आजादी पाई थी।
खप्पी लठ्ठों में लाला की, जिन्दगानी याद आती हैं।।
ओपेन्द्र कुमार बावरा
पी जी टी हिंदी
शैफाली पब्लिक स्कूल दादरी

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