पंडित मनोज कुमार दीक्षित वरिष्ठ पत्रकार
लखनऊ! श्रावण मास के पहले सोमवार पर शहर के सभी शिवालयों में भगवान शिव का विशेष श्रृंगार किया गया! डालीगंज स्थित मनकामेश्वर सिद्धपीठ में चंदन, भांग, बेसन और फूलों से अनोखी शिव आकृति बनाई गई, जिसका पूजन किया गया! महंत देब्यागिरी ने बताया कि भोर में भस्म आरती के बाद भगवान शिव का विशेष श्रंगार हुआ, उन्हें विशेष पगड़ी भी पहनाई जाएगी! वही पांच प्रकार के फूल सूरजमुखी, बेला, कमल, कनेर और गेंदा से भगवान शिव का भब्य पुष्य सावन के पहले सोमवार पर सभी शिवालयों में हुआ भोलेनाथ का श्रृंगार किया गया! उन्हें शमी का फूल, धतूरा और बेलपत्र की माला पहनाई गई! शाम को महाआरती होगी! हालांकि इस वर्ष कोरोना को देखते हुए बुजुर्गों और बच्चों का प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा! वहीं सुरक्षा की दृष्टि से मंदिर के बाहर बैरिकेड लगाए गए हैं! वहां श्रद्धालुओं के लिए एक एलईडी स्क्रीन लगाकर उस पर मंदिर की आरती का प्रसारण किया जाएगा! भक्तों को गर्भ ग्रह में जाने की इजाजत नहीं होगी,छह फीट लंबे पनारे से वह भगवान शिव का जलाभिषेक कर सकेंगे! वहीं भक्त गर्भ ग्रह में फूल और प्रसाद नहीं चढा पाएंगे! उन्हें मुख्य सेवादार को बेलपत्र दे सकेंगे!
*घंटा बजाने से लेकर मेले पर प्रतिबंध*
कोनेश्वर, बुद्धेश्वर, द्वादश ज्योतिर्लिंग बड़ा शिवालय और छोटा शिवाला में भक्तों को घंटा बजाने से लेकर प्रसाद चढ़ाने पर प्रतिबंध रहेगा! दस वर्ष से छोटे बच्चों और 60 वर्ष के ऊपर बुजुर्गों के प्रवेश पर प्रतिबंध रहेगा! बुद्धेश्वर मे इस वर्ष मेला का आयोजन भी नहीं किया जाएगा! वहीं राजेंद्र नगर स्थित महाकाल मंदिर में सावन के चारों सोमवार को सुबह चार बजे भस्म आरती और शाम को महाआरती होगी! मुख्य सेवादार अतुल मिश्रा ने बताया कि सावन भर रुद्राभिषेक होते रहेंगे! वहीं कुछ भक्तों ने विशेष श्रंगार की बुकिंग की है! उज्जैन के महाकाल मंदिर से लाई गई पावित्र जोत, भस्म और हरिहर जल से भस्म आरती की जाएगी! वही रोज शाम साढे़ सात बजे दैनिक आरती का इंस्टाग्राम पर सजीव प्रसारण होगा! सदर के द्वादश ज्योतिर्लिंग में भगवान शिव के साथ बारह स्वरूपों की पूजा - अर्चना की जाएगी!
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