नोएडा। पूर्व प्रत्याशी नोएडा दादरी विधान सभा पूर्व सह सचिव IYC रघुराज सिंह विचार व्यक्त करते हुए कहा कि मित्रो स्व: इंदिरा गांधी 1984 में शहीद हुई । उस वक्त से 5या7 साल पहले या उस वक्त जो पैदा हुऐ उनकी उम्र आज 37 से लेकर 45 साल के करीब है । उन लोगो को तो पता ही नही इंदिरा जी ने क्या किया ? स्व: राजीव गांधी 1991 में शहीद हो गये । ऐसा ही उस समय से कुछ पहले और उस समय के लोगो को नही पता राजीव जी ने देश को क्या दिया ?जिनकी उम्र आज 35 से से लेकर 45 के करीब होगी । उनको भी इंदिरा जी और राजीव जी के बारे जो बताया जायेगा वो ही उनकी समझ में आयेगा । स्व : अर्जुन सिंह से मेरा व्यकिगत सानिध्य रहा काफी अर्से तक मेने कभी भी उनकी भाषा में तू शब्द नही सुना, बोलने का सामाजिक सलीका मुझे भी उनसे सिखने को मिला जो जीवन में मेरे काम आ रहा है । मेरा इस उम्र के लोगो से लेकर आज के नोजवानो तक सभी से निवेदन है कि शोशल मिडिया, टीवी,अख़बार आदि के माध्यम से जो प्रश्न आजकल पूछे जाते है उन प्रशनो के उत्तर उनको सबको स्वम् अपने घरों में बुजुर्गो से जानना चाहिये क्योकि उस समय और कुछ समय से पहले पैदा लोगो ने मिलकर ही इनको सत्ता में बिठाया था । मेरा इन सब बातों को लिखने से तातपर्य ये हे जो प्रश्न हम जिन शब्दों में पूछते है उन शब्दों में पूरी ईमानदारी से अपने बुजुर्गो से पूछ सकते है क्या ? अगर पूछ सकते है तो माफ़ करना मुझे ये प्रश्न नही पूछना चाहिये और अगर नही पूछ सकते तो उस पर विचार करना कि हम अपनी आने वाली पीढ़ियों को क्या सभ्यता और क्या संस्कर्ति देकर जाएंगे ?
झूठ बोलने की, अमर्यादित शब्द,
संस्कार विहीन समाज,अपने उन बुजर्गों के अपमान करने की शब्दावलि को जो देश की आजादी पर शहीद हो गये और देश के लिये जिन्होंने अपने प्राणों आहुति दी ।मेरा नम्र निवेदन है खासकर नोजवानो से वो भी सभी राजनितिक दलों से जुड़े हुऐ नोजवानो से जो शोशल मिडिया पर अभद्र भाषा का प्रयोग छोड़े अपने लिये, नाकि किसी दूसरे के लिये । आलोचना जरूरी है और होनी भी चाहिये ।आलोचना करना जितना जरूरी है उतना ही आलोचना सहना । आलोचना समाज का उतना ही महत्वपूर्ण हिस्सा है जितना सामाजिक काम करना । ये विचार मेने किसी को सिखाने या बताने के उद्देश्य नही बल्कि अपनी एक सामाजिक जुम्मेवारी को समझते हुऐ लिखे है । माफ़ी के साथ विचार जरूर करे मेरे नोजवान क्योकि जो आज हमारा है कल वो उनका होगा ?आज हम उम्र दराज है कल वो भी उम्र दराज होंगे । सोचना जब ऐसे प्रश्न आज के नोजवान कल के उम्रदराज से उनकी जवान पीढ़ी पूछेगी तब क्या उत्तर होगा विचार करे ?
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