ग्रेटर नोएडा, गौतम बुद्ध नगर। घृणा अपराध से न कि अपराधी से एवम बंदी भी व्यक्ति हैं उसे भी संविधान एवम विधि सम्मत समस्त प्राधिकार प्राप्त है। उक्त बातें सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, गौतम बुद्ध नगर द्वारा आयोजित न्यायालय परिदर्शन कार्यक्रम में कहा गया। इस अवसर पर विभिन्न विश्वविद्यालयों एवम लॉ कॉलेजों को सम्बोधित करते एक अपराध के घटित होने से लेकर अपराधी को जेल भेजे जाने तक के दंड प्रक्रिया संहिता के प्रावधानों को छात्र छात्रों को बहुत ही सरल भाषा में व्यवहारिक रूप से प्रस्तुत किया। जेलर श्री जे. पी. तिवारी जी ने कहा कि बंदी भी मनुष्य है अतः उनके भी मानवाधिकार हैं जिनको सुनिश्चित कराना जेल प्रशासन की प्राथमिकता है। इस अवसर पर जेल अधिकारियों ने एक अपराधी न्यायालय द्वारा जेल भेजे जाने से लेकर मुक्त होने तक की प्रक्रिया को समझाया गया। जेल में सजायाफ्ता विभिन्न प्रकार के कैदियों, उनको जेल में मिलने वाली सुविधाओं, प्रशिक्षण , प्रोबेशन एवम पैरोल आदि के बारे में विस्तार से बताया गया। छात्रों को उनकी विभिन्न जिज्ञासा एवम प्रश्नों के उत्तर पदाधिकारियों द्वारा दिये गये। उक्त कार्यक्रम में निःशुल्क विधिक सहायता केंद्र, विधि विभाग गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय के समन्वयक डॉ सन्तोष कुमार तिवारी एवम मिलिंद, प्रशांत आदि छात्रों द्वारा प्रतिभाग किया गया। इस कार्यक्रम में गलगोटिया विश्वविद्यालय, शारदा विश्वविद्यालय, बेनेट यूनिवर्सिटी, महर्षि यूनिवर्सिटी, सिम्बोयसिस लॉ स्कूल, इन्नोवेटिव लॉ कॉलेज, ईशान लॉ कॉलेज, शहीद विजय सिंह पथिक लॉ कॉलेज आदि के शिक्षकों डॉ नितेश उपाध्याय, डॉ मानवेन्द्र, डॉ ए. के. पाण्डेय, आनंद शर्मा तथा मिलिंद, प्रशांत आदि छात्रों ने प्रतिभाग किया।
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