फ्यूचर लाइन टाईम्स, विवेक जैन संवाददाता बागपत।
बागपत। बागपत सीएचसी के चिकित्सा अधीक्षक द्वारा मरीजों को बेहतरीन चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लिये किया गया सम्मानित ।
कोरोना से स्वयं संक्रमित होने और माता के कोराना की वजह से असमय चले जाने के बाबजूद डा विभाष ने दिया अदम्य साहस का परिचय ।
बागपत सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के चिकित्सा अधीक्षक डाॅ विभाष राजपूत को उत्तर प्रदेश लेजिसलेटिव काउंसिल के मेम्बर दिनेश गोयल द्वारा सम्मानित किया गया।
डा विभाष राजपूत वर्तमान में बागपत सीएचसी के चिकित्सा अधीक्षक है और उनको यह सम्मान मरीजों को बेहतरीन चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने और कोरोना काल में उनके कुशल नेतृत्व और महामारी के प्रति समाज को जागरूक करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिये दिया गया। कोरोना काल में अस्पताल को ही अपना घर बना लेने वाले डा विभाष राजपूत ने महामारी के दौरान घर का परित्याग कर दिया था और समाज सेवा के लिये अस्पताल में ही रात्रि विश्राम की व्यवस्था कर ली थी। मरीजों की सेवा करते-करते इस कोराना महामारी की चपेट में आने के बावजूद इन्होने हार नही मानी। अदम्य साहस का परिचय देते हुए और खुद को क्वारंटीन करते हुए डाॅ विभाष ने क्षेत्र के लोगों को कोरोना से बचाने के लिये हर सम्भव प्रयास किये। इस बेरहम महामारी ने असमय इनकी माता को इनसे छीन लिया। इस दुखद घटना ने इनको अन्दर तक हिला कर रख दिया। डाॅ विभाष राजपूत के अनुसार उनकी माता ही वो शख्स थी, जिन्होने उन्हें सिखाया कि लोगों की सेवा करने में ही सच्चा सुख मिलता है। वह उनके जीवन का सबसे मजबूत स्तम्भ थी। डा विभाष राजपूत बताते है कि भले ही मां मेरे साथ ना हो उनकी देशहित और समाज के लिये कुछ कर गुजरने की शिक्षा हमेशा मेरे साथ है। कहा कि उनकी पूरी कोशिश रहेगी की पूरी जिन्दगी वह देश और समाज की हर सम्भव सेवा कर सकें।
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