गाजियाबाद। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण गाजियाबाद के अध्यक्ष/जनपद न्यायाधीश श्री जितेन्द्र कुमार सिन्हा के तत्वाधान में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण गाजियाबाद की सचिव नेहा रूंगटा द्वारा दिनांक 16-06-2021 को कोरोना के कारण अनाथ हुए बच्चों को मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना का लाभ पहुचाने हेतु एक वर्चुअल बैठक का आयोजन किया गया जिसमें जिला प्रोबेशन अधिकारी, तहसीलदार एवं पराविधिक स्वयंसेवकों द्वारा प्रतिभाग किया गया। जिला प्रोबेशन अधिकारी द्वारा बताया गया कि अभी तक उनके कार्यालय में 70 आवेदन पत्र प्राप्त हुए है जिनमें से 36 आवेदन पत्र जिनके दस्तावेज पूर्ण है, को संम्बन्धित तहसीलदार को सत्यापन हेतु प्रेषित किया जा चुका है। सचिव द्वारा तहसीलदारों को निर्देशित किया गया कि वह उक्त प्रक्रिया में पूर्णरूप से सहयोग करें साथ ही पराविधिक स्वयंसेवको को निर्देशित किया गया कि वह ऐसे बच्चों को चिन्हित करे जो उ0प्र0 बाल सेवा योजना 2021 के अन्तर्गत आते हों एवं उनकी आवेदन पत्र भरे जाने में उनका सहयोग करें।
सचिव महोदया द्वारा योजना के संम्बन्ध में जानकारी देते हुए बताया गया कि यू0पी0 बाल सेवा योजना 2021 उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के द्वारा 30 मई 2021 को आरंभ किया गया है।
इस योजना के माध्यम से उन सभी बच्चों की मदद की जाएगी जिनके माता पिता की मृत्यु कोरोनावायरस संक्रमण के कारण हो गई है। इस योजना के अंतर्गत न केवल बच्चों की आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी बल्कि उनको पढ़ाई से लेकर उनके विवाह तक का खर्च सरकार द्वारा वहन किया जाएगा।सभी पात्र बच्चों के पालन पोषण के लिए प्रतिमाह उनको ₹4000 की सहायता राशि प्रदान की जाएगी।यह आर्थिक सहायता बच्चे के वयस्क होने तक प्रदान की जाएगी।इसके अलावा इस योजना के माध्यम से लड़कियों की शादी के लिए ₹101000 की आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी।इस योजना के अंतर्गत आने वाले बच्चे की आयु यदि 10 वर्ष से कम है और उसका कोई अभिभावक नहीं है तो इस स्थिति में बच्चे को आवासीय सुविधा भी प्रदान की जाएगी।यह सुविधा राजकीय बाल गृह के माध्यम से प्रदान की जाएगी।मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के माध्यम से सभी पढ़ाई कर रहे बच्चों को लैपटॉप या टेबलेट भी प्रदान किया जाएगा।इस योजना का लाभ उन बच्चों को भी प्रदान किया जाएगा जिन्होंने अपने लीगल गार्डियन या फिर आय अर्जित करने वाले अभिभावक को कोरोना संक्रमण के कारण खो दिया है।सभी अवयस्क लड़कियों को भारत सरकार द्वारा संचालित कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय, प्रदेश सरकार द्वारा संचालित राजकीय बाल गृह एवं अटल आवासीय विद्यालयों के माध्यम से शिक्षा एवं आवास की सुविधा प्रदान की जाएगी।
मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना की पात्रता-
आवेदक उत्तर प्रदेश का स्थाई निवासी होना चाहिए।
वह बच्चे जिन्होंने कोविड-19 के कारण अपने दोनों माता-पिता को खो दिया हो।
अपने लीगल गार्डियन को कोरोना वायरस संक्रमण के कारण खोने वाले बच्चे इस योजना के अंतर्गत पात्र हैं।
वह बच्चे जिन्होंने अपने आय अर्जित करने वाले अभिभावक को कोविड-19 के कारण खो दिया हो।
वह बच्चे जिनके माता-पिता में से कोई एक ही जीवित था और उनकी मृत्यु कोरोना वायरस संक्रमण के कारण हो गई हो।
बच्चे की आयु 18 वर्ष या फिर 18 वर्ष से कम होनी चाहिए।
एक परिवार के सभी बच्चे (जैविक एवं कानूनी रूप से गोद लिए गए) इस योजना का लाभ प्राप्त कर पाएंगे।
वर्तमान में जीवित माता या पिता की आए ₹200000 या फिर ₹200000 से कम होनी चाहिए।
यू0पी0 बाल सेवा योजना 2021 के लिए महत्वपूर्ण दस्तावेज-
उत्तर प्रदेश के निवासी होने का घोषणा पत्र
बच्चे का आयु प्रमाण पत्र
2019 से मृत्यु का साक्ष्य
बच्चे एवं अभिभावक की नवीनतम फोटो सहित पूर्व आवेदन
माता पिता का मृत्यु प्रमाण पत्र
आय प्रमाण पत्र (यदि माता-पिता दोनों की मृत्यु हो जाती है तो उस स्थिति में आय प्रमाण पत्र जमा करना जरूरी नहीं है।)
शिक्षण संस्थान में रजिस्ट्रेशन का प्रमाण पत्र का लाभ दिए जाने के निर्देश दिये गये। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण गाजियाबाद की सचिव श्रीमती नेहा रूंगटा ने बताया कि इस योजना की श्रेणी में आने वाले 0 से 10 साल के बच्चों के संरक्षक के बैंक खाते में 4000 रुपये प्रतिमाह दिए जाएंगे। इसके साथ अन्य शर्तें लागू होंगी। जो बच्चे पूरी तरह से अनाथ हो गए हों और बाल कल्याण समिति के आदेश से विभाग के तहत संचालित बाल्य देख भाल संस्थाओं में आवासित कराए गए हों उनको कक्षा 05 से 12वी तक की शिक्षा के लिए अटल आवासीय विद्यालयों व कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों में प्रवेश कराया जाएगा। इनकी देखभाल के लिए प्रतिमाह 4000, 12000 रुपये खर्च किए जाएंगे। यह राशि कक्षा 12 या 18 साल की उम्र जो भी पहले पूर्ण होने तक दी जाएगी। योजना के तहत चिन्हित बालिकाओं के शादी के योग्य होने पर शादी के लिए 1,01,000 रुपये दिये जायेंगे। कक्षा 9 या इससे ऊपर की कक्षा में अथवा व्यवसायिक शिक्षा प्राप्त कर रहे 18 साल तक के बच्चों को टेबलेट, लेपटोप की सुविधा दी जाएगी।
मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के अंतर्गत आवेदन करने की प्रक्रिया-
यदि आप यूपी मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के अंतर्गत आवेदन करना चाहते हैं तो आपको निम्नलिखित प्रक्रिया को फॉलो करना होगा।
यदि आप ग्रामीण क्षेत्र में रहते हैं तो आपको ग्राम विकास/पंचायत अधिकारी या विकासखंड या जिला प्रोबेशन अधिकारी कार्यालय में जाना होगा और यदि आप शहरी क्षेत्र में रहता है कि आपको लेखपाल, तहसील या जिला प्रोबेशन अधिकारी के कार्यालय में जाना होगा।
आपको कार्यालय से इस योजना का आवेदन पत्र प्राप्त करना होगा।
अब आपको आवेदन पत्र में पूछी गई सभी महत्वपूर्ण जानकारी जैसे कि आपका नाम, मोबाइल नंबर, ईमेल आईडी आदि दर्ज करनी होगी।
इसके पश्चात आपको सभी महत्वपूर्ण दस्तावेजों को अटैच करना होगा।
अब आपको यह आवेदन पत्र कार्यालय में जमा करना होगा।
इस प्रकार आप यूपी मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के अंतर्गत आवेदन कर पाएंगे।
जिला बाल संरक्षण इकाई एवं बाल कल्याण समिति द्वारा पात्र बच्चों को चिन्हित करने के बाद 15 दिन के अंदर आने आवेदन प्रक्रिया पूरी कर दी जाएगी।
इस योजना के अंतर्गत माता पिता की मृत्यु के 2 वर्ष के भीतर आवेदन किया जा सकता है।
अप्रूवल प्राप्त होने की तिथि से ही इस योजना का लाभ प्रदान किया जाएगा।
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