ग्रेटर नोएडा / अयोध्या। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ के महामंत्री चम्पत राय मैं वर्तमान में चल रहै आरोप-प्रत्यारोप का खंडन करते हुए कहा कि अयोध्या -13 जून 21 श्रीराम जन्मभूमि मंदिर का परकोटा और रिटेनिंग दीवार को वास्तु के अनुसार सुधारने के लिए , मंदिर परिसर के पूर्व और पश्चिम दिशा में यात्रियों के आवागमन मार्ग को सुलभ बनाने के लिए खुला मैदान रखने के लिए , साथ ही साथ मंदिर परिसर की सुरक्षा के लिए पास - पड़ोस के कुछ छोटे - बड़े मंदिर , ग्रहस्थों मकान खरीदना अत्यावश्यक है । जिनसे खरीदा जायेगा उनके पुनर्वास के लिए उन्हें कहीं अन्यत्र भूमि भी दी जायेगी , इस कार्य के लिए भी भूमि की खरीददारी की जा रही है । क्रय और विक्रय का यह कार्य आपस के संवाद और परस्पर पूर्ण सहमति के आधार पर किया जा रहा है । सहमति के पश्चात् सहमति पत्र पर हस्ताक्षर होते हैं । सभी प्रकार की कोर्ट फीस व स्टैम्प पेपर की खरीदारी आन - लाइन की जा रही है , सहमति पत्र के आधार पर भूमि की खरीददारी हो रही है उसी के अनुसार सम्पूर्ण मूल्य विक्रेता के खाते में आन - लाइन स्थानान्तरित किया जाता है । 9 नवम्बर , 2019 को श्रीराम जन्मभूमि पर सर्वोच्च न्यायालय का निर्णय आने के पश्चात् अयोध्या में भूमि खरीदने के लिए देश के असंख्य लोग आने लगे , उत्तर प्रदेश सरकार अयोध्या के सर्वांगीण विकास के लिए बड़ी मात्रा में भूमि खरीद रही है , इस कारण अयोध्या में एकाएक जमीनों के दाम बढ़ गये । जिस भूखण्ड पर अखबारी चर्चा चलाई जा रही है वह भूखण्ड रेलवे स्टेशन के पास बहुत प्रमुख स्थान है । श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ने अभी तक जितनी भूमि क्रय की है वह खुले बाजार की कीमत से बहुत कम मूल्य पर खरीदी है । उक्त भूमि को खरीदने के लिए वर्तमान विक्रेतागणों ने वर्षों पूर्व जिस मूल्य पर रजिस्टर्ड अनुबन्ध किया था , उस भूमि को उन्होंने 18 मार्च 2021 को बैनामा कराया तत्पश्चात् ट्रस्ट के साथ अनुबन्ध किया । जो कतिपय राजनीतिक लोग इस संबंध में प्रचार करा रहे है वह भ्रामक है , समाज को गुमराह करने के लिए है , संबंधित व्यक्ति राजनीतिक हैं अतः राजनीतिक विद्वेष से प्रेरित हैं ।
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