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गलगोटिया विश्वविद्यालय में 5 दिवसीय एआईसीटीई-अटल एफडीपी कार्यक्रम का उद्घाटन सम्पन्न।

फ्यूचर लाइन टाईम्स, सफ़ी मोहम्मद सैफी संवाददाता ग्रेटर नोएडा ।
ग्रेटर नोएडा। गलगोटियाज विश्वविद्यालय, ग्रेटर नोएडा के द्वारा दिनांक 7 जून से 11 जून, 2021 तक जीव विज्ञान में कंप्यूटर के अनुप्रयोग विषय पर  पांच दिवसीय अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद संकाय विकास कार्यक्रम का आनलाईन आयोजन किया जा रहा है। यह कार्यक्रम एआईसीटीई प्रशिक्षण एवमं शिक्षण अकादमी के द्वारा प्रायोजित है। इस एफडीपी में, आईआईटी, एनआईटी, सीएसआईआर जैसे संस्थानो के चौबीस वक्ताओं को आमंत्रित किया गया है। यह सभी वक्ता अगले पाँच दिनो तक विज्ञान में कंप्यूटर के अनुप्रयोग पर विस्तृत रूप में चर्चा करेंगें। उद्घाटन सत्र का सुभारम्भ माननीय कुलाधिपति सुनील गलगोटिया ने मुख्य कार्यकारी अधिकारी घ्रुव गलगोटिया और कुलपति  प्रो. डॉ. प्रीति बजाज, डीन प्रो. एके जैन और प्रो. रंजना पटनायक की विशेष उपस्थिति में किया गया। अटल एफडीपी कार्यक्रम के आज पहले दिन के सत्र की शुरूआत डॉ.प्रीति बजाज, कुलपति, गलगोटिया विश्वविद्यालय के स्वागत अभिभाषण के साथ शुरू हुआ। उन्होंने मुख्य अतिथि और मुख्य वक्ता के साथ-साथ भारत के 24 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रतिभागियों का स्वागत किया। उन्होंने सभा को संबोधित करते हुए विश्वविद्यालय की उपलब्धि के बारे में बताया। और सभी को आगे आने वाले वैज्ञानिक सत्रों में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया। और बीईटीआईसी बायोमेडिकल इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी इनोवेशन सेंटर के संस्थापक प्रो. बी रवि और स्कूल ऑफ देसाई सेठी एंटरप्रेन्योरशिप, आईआईटी बॉम्बे के प्रमुख ने इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की। बायोसाइंसेज और बायोइंजीनियरिंग विभाग, आईआईटी बॉम्बे संस्थान के अध्यक्ष प्रोफेसर सौम्यो मुखर्जी ने सम्बोधित करते हुए कंप्यूटर के अनुप्रयोग पर विस्तृत चर्चा की।प्रोफेसर ए के जैन, डीन स्कूल ऑफ बेसिक एंड एप्लाइड साइंसेज और प्रोफेसर रंजना पटनायक ने वक्ताओं को ई-मोमेंटो देकर सम्मानित किया।डॉ. गौरव कुमार ने बताया कि इस कार्यक्रम में 24 राज्यों के विभिन्न संस्थानों के 200 प्रतिभागी जीव विज्ञान में कंप्यूट के विभिन्न अनुप्रयोगों के बारे में जानेंगे, जिसमें स्वास्थ्य देखभाल, रोग निदान, दवा के सुधार में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग, डीप लर्निंग, सिग्नल और इमेज प्रोसेसिंग शामिल हैं। एफडीपी के पाँचों दिन में आर्ट ऑफ लिविंग, नई शैक्षिक नीति और चौदह वैज्ञानिक सत्र शामिल हैं। पहले वैज्ञानिक सत्र में, प्रो. पी.के. रॉय, समन्वयक आईआईटी बीएचयू, वाराणसी ने मानव मस्तिष्क के कंप्यूटिड टेन्सर इमेजिंग, एमआरआई के माध्यम से व्यक्तिगत चिकित्सा के भविष्य पर अपनी प्रतिक्रिया दी। प्रोफेसर नीरज शर्मा, आईआईटी बीएचयू ने बायोमेडिकल सिग्नल प्रोसेसिंग पर व्याख्या प्रस्तुत की। एफडीपी के दूसरे वैज्ञानिक सत्र में, डॉ अभिषेक गुप्ता, श्री माता वैष्णो देवी विश्वविद्यालय ने इमेजिंग टेक्नोलॉजी का उपयोग कर वर्तमान अनुसंधान अवसरों पर सूचनात्मक व्याख्यान दिया। आर्ट ऑफ लिविंग सत्र का संचालन डॉ. साधना जायसवाल, सीनियर कंसल्टेंट ऑब्स एंड गायन और सीनियर फैकल्टी आर्ट ऑफ लिविंग, दिल्ली एनसीआर द्वारा किया गया। उन्होंने विज्ञान और अध्यात्म पर भी अपनी बात रखी। कार्यक्रम का संचालन विन्नी शर्मा ने किया। पहले दिन का समापन एफडीपी के समन्वयक डॉ. गौरव कुमार के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ। 

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