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सांस्कृतिक लोक विधा के पितामह सतपाल दौसा ने कोरोना को किया परास्त।

फ्यूचर लाइन टाईम्स, प्रदीप आर्य संवाददाता नोएडा की खास रिपोर्ट। 
नोएडा । कोरोना रूपी यमराज द्रोपदी के खप्पर को कब तक भरेगा , कोई नही जान सकता । बड़े बड़े शूरवीरों, बड़े बड़े महान योध्याओं को कोरोना अपने काल मे समेत रहा हैं। पांचों पांडव छठे नारायण को माफ करना, भात की फिरौती लेना भगवान कृष्ण ने दुखदायी कर दिया हैं। कलयुग में भगवान कृष्ण कब तक द्रोपदी के खप्पर को भरते रहेंगे
आज कोरोना रूपी यमराज ने देश, विदेश में भारतीय लोक संस्कति , भारतीय लोक बिधा के पितामह महाशय सतपाल दोसा को को कुछ नहीं हुआ है सतपाल दोसा जैसे महान योद्धा ने कोरोना को भी परास्त कर दिया है। अभी महान गायक महाशय सतपाल दोसा का जिला मेरठ हॉस्पिटल में इलाज चल रहा है पहले की अपेक्षा अभी स्वस्थ हैं कुछ असामाजिक तत्वों ने मृत्यु की अफवाह फैलाई थी वह अफवाह निराधार है
महाशय सतपाल दोसा क्रांतिकारी भूमि जिला गाजियाबाद मोदीनगर के गुर्जर समाज के दौसा गांव से है।
महाशय सतपाल दोसा के सतगुरु पीरु महाराज ने उनको इतना ज्ञान दे दिया था। जिसका वर्णन अवर्णीय हैं। सतपाल दौसा ने अपनी कलम , अपने स्वर से भारतीय संस्क्रति को जीवांत रखा था। महाभारत रामायण , अनेकों ग्रन्थ काव्यों के कवि एवँ लोक बिधा रागनी के रचनाकार थे। महाशय सतपाल दोसा मात्र एक ऐसे गायक है जिन्होंने 101 रागनी एक साथ गाकर एक स्वर में कम्पटीशन में टेक्टर विजयी कर लिया था। उनके लय, सुर, मधुर कोकिला वाणी को जनता जनार्दन सच्चे मन से सुनती थी।

     सूरज ने ली मांग रोशनी,........

    मतना नंगी क्ररो सभा मे....

      दो नैनो के चार हुए, रंग गात में भर गया....

 पायों में मतना पड़ियो , मै बहु हु तुम्हारी.. 

भारत की संस्क्रति का बिल्कुल सत्यानाश हुआ..

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