ग्रेटर नोएडा।जहां कोरोना संक्रमित मरीजों को ऑक्सीजन ना मिलने पर मौतें हो रही हैं इसी के साथ ही फिजियोथेरेपी मरीजों को बचाने में कामयाब हो रही है आईसी में पहुंचे मरीज का ऑक्सीजन लेवल 60 से 70 तक पहुंच जाता है इस दौरान अगर चेस्ट फिजियोथैरेपी की जाए तो मरीज को साठ से सत्तर परसेंट पराई ऑक्सीजन लेवल को 96 पर पहुंचा दिया जा रहा है इस समय से चेस्ट फिजियोथैरेपी मरीज के लिए संजीवनी बन रही है ग्रेटर नोएडा के एडवांस फिजियोथैरेपिस्ट डॉ रविंद्र कुमार का कहना है चेस्ट फिजियोथैरेपी की मदद से कोरोना मरीजों की सेहत में तेजी से सुधार हो रहा है यह ऑक्सीजन लेवल में मददगार साबित हो रही है वह इस प्रकार काम करती है फेफड़ों के सांस को पूरी करता है फेफड़ों में जमे बलगम को ने वह बलगम को बाहर निकालने में मदद करती है हम एक बार सांस लेने में 400 से 500 मिलीलीटर वायु लेटे हैं परंतु चेस्ट छाती में कफ जमा होने के कारण सांस लेने में क्षमता 200 से भी कम होने लगती है उन्होंने ने बताया ऑक्सीजन स्तर कम होने से चेस्ट फिजियोथैरेपी करने से ऑक्सीजन लेवल नियंत्रण में आ जाता है जिससे मरीज तेजी से सुधार होता है मरीज को बहुत ही आराम मिलता है कफ को ढीला कर फेफड़ों से निकलने में थेरेपी कारगर साबित हो रही है थेरेपी फेफड़ों की क्षमता बढ़ाती है जिससे ज्याद सांस भर जाती है और मरीज को बहुत ही राहत मिलती है डॉ रविंद्र कुमार ने बताया कि जिन मरीजों का एचआरसीटी स्कोर 15 से 20 रहा है फिजियोथैरेपी करने के बाद में उनको काफी रिलीफ हुआ है इसके अलावा थेरेपी कोविड-19 सांस लेने में क्षमता लेने में दिक्कत वालों को दुष्प्रभाव के साइड इफेक्ट भी कम करती है कोविड-19 मरीज को 5 से 10 दिन के थेरेपी करने के से ही रोगी सामान्य हो जाता है!
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