गाजियाबाद। आखिर इन पर क्यों मेहरबान है पुलिस लिंक रोड थाना क्षेत्र मैं शराब के ठेकों पर उड़ रही हैं सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां सब्जी की ठेलियो को पलटने वह रास्ता चलते लोगों पर लाठियां बरसाने वाले थाना प्रभारी के हमराही आखिर ठेके वालों पर मेहरबान क्यों सवाल जायज है गाजियाबाद जिले के जिला अधिकारी महोदय वरिष्ठ पुलिस अधिकारी महोदय एसपी ट्रैफिक स्वास्थ्य विभाग के वह अधिकारी कहां है जो सोशल डिस्टेंसिंग की बात करते हैं और सोशल डिस्टेंसिंग के नाम पर गरीब व मजबूर लोगों पर लाठियां बरसाने वाली पुलिस शराब के ठेकों पर क्यों नजर नहीं आ रही है जबकि यही पुलिस कालोनियों के गलियों में जाकर लोगों को दौड़ा-दौड़ा कर पीट रही है मगर शराब के ठेकों पर आदमी के ऊपर आदमी चडा जा रहा है और कोई भी पुलिस वाला बोलने की हिम्मत नहीं जुटा पाता जिसकी बानगी थाना लिंक रोड क्षेत्र के महाराजपुर सूर्य नगर ठेकों पर खुलेआम दिखाई दी जहां पुलिस चौकी ठेके से मात्र चंद कदमों की दूरी पर है व खिड़की खोले आराम फरमा रही है और ठेकों पर खुलेआम सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाते हुए एक एक व्यक्ति कई कई शराब की बोतलें लेने के लिए धक्का-मुक्की कर रहे हैं यह वह लोग हैं जो घर के राशन के लिए कभी भी दुकान पर नहीं जाते मगर शराब लेने के लिए घंटों से लाइन में लगे हैं ना तो इन्हें पुलिस का डर है ना करो ना का और ना ही पुलिस वाले इन्हें सोशल डिस्टेंसिंग का पाठ पढ़ाने के लिए दिखाई दे रहे हैं ना ही थाना प्रभारी सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाने वालों को कुछ कहने की हिम्मत जुटा पा रहे हैं हां विचार करने की बात यह है कि जो लिंकरोड पुलिस रेहड़ी खोखा विक्रेताओं पर लाठियां बांटते हैं उनके तराजू बाट उठा ले जाते हैं चालान भी काटते हैं वहीं लिंकरोड पुलिस शराब के ठेकों पर कानून व्यवस्था बनाने के लिए क्यों नहीं दिखाई देती जिसमें कहीं ना कहीं लिंकरोड पुलिस के ऊपर आम जनता कई सवाल उठा रही है और सवाल जायज भी है क्योंकि गरीब आदमी अपने बच्चों का पेट कैसे पालता है यह तो वही जानता है इन पुलिस वालों को तो सिर्फ और सिर्फ गरीबों पर लाठियां बरसानी आती हैं अगर कानून का पालन करवाना होता और समान रूप से कानून का पालन होता तो आज यही लिंकरोड पुलिस शराब के ठेकों पर लाठियां बरसाते हुए सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करवाते मगर शराब के ठेके पर जाकर लाठियां बरसाना इतना आसान नहीं है जितना कि गरीब सब्जी बेचने वाले मजदूर की ठेली पलट देना बता दे कि आजकल थाना लिंकरोड पुलिस क्षेत्र में तहलका मचाए हुए हैं और कानून व्यवस्था को दुरुस्त करने के नाम पर गरीब मजदूर समाजसेवियों एवं आम रास्ते पर चलने वाले किसी भी व्यक्ति को बगैर पूछे ही गाड़ी से उतरते लाठियां भांजना शुरू कर देते हैं जिससे क्षेत्र के लोगों में दहशत का माहौल है और थाना पुलिस के इस कार्य की चारों तरफ निंदा हो रही है लोगों का कहना है कि कानून व्यवस्था बनाने के लिए आम जनता की मजबूरी को भी समझना चाहिए तथा जो लोग समाज की सेवा में लगे हुए हैं पुलिस का सहयोग भी करते हैं उन लोगों को भी समझना चाहिए मगर थाना पुलिस हैं एक ही लाठी से सबको हांक रहे हैं ऐसे में पुलिस के साथ आम जनता कैसे सहयोग करेगी अधिकारियों को भी सोचना चाहिए अगर जनता के साथ वास्तव में समाज की सेवा और जनता सेवा करनी है तो जनता के विचारों व मजबूरी को भी समझना होगा और लाठी चलाने से पहले उस व्यक्ति से बाहर आने का कारण भी जाना चाहिए क्योंकि हर व्यक्ति बे मतलब बाहर नहीं निकलता कुछ लोग मजबूरी में भी जरूरी काम से कोई दवाई लेने तो कोई मरीज को लेकर पैदल जाने को मजबूर है ऐसे में आवारा लोगों के साथ साथ यह मजबूर लोग भी बेवजह पीते जाते हैं जो अनुचित है कोई भी कार्यवाही करने से पहले एक बार जांच जरूर करनी चाहिए और व्यक्ति से बाहर आने जाने का कारण भी पूछ लेना चाहिए उसके बाद ही कोई कार्यवाही की जाए तो अच्छा होगा।
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