कृपया ध्यान दे जीत हमारी ही होगी!कोरोना संक्रमण के संकट से निपटने के लिए जो सबसे सरल उपाय है वह स्वयं पर अधिकाधिक काम करना।हम में से प्रत्येक को स्वयं को सुरक्षित रखने का प्रयास करना है।ठीक वैसे ही जैसे हवाई जहाज में हवा का दबाव कम होने पर सबसे पहले स्वयं को ऑक्सीजन मास्क लगाकर सुरक्षित रहने की सलाह दी जाती है। वैसा ही इस समय भी करना है, क्योंकि हमारी स्वयं की सुरक्षा ही अप्रत्यक्ष रूप से हमारे प्रियजन और परिजनों की सुरक्षा है।हमारी सुरक्षा ही हमारे समाज की एवं मोहल्ले की सुरक्षा है। इसलिए दो बिंदुओं पर बहुत आवश्यक रूप से कार्य करना है।पहला तो यह कि हम डॉक्टर नहीं हैं तो हमको कोरोना के विषय पर आवश्यकता से अधिक ज्ञान और जानकारी ग्रहण करने की और उसे आगे वितरित करने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि हम इसके विशेषज्ञ नहीं हैं, इसलिए हो ये रहा है कि जो अतिरिक्त ज्ञान हम ग्रहण कर रहे हैं,वह अप्रत्यक्ष रूप से हमारी नकारात्मकता में वृद्धि कर रहा हो। विशेषज्ञता ना होने के चलते हमें इस ज्ञान को समझने-समझाने की पर्याप्त क्षमता नहीं है। यही कारण है कि इस कोरोना की आवश्यकता से अधिक जानकारी एक सामान्य व्यक्ति के लिए नुकसानदायक सिद्ध हो रही है। हम अपने अधूरे ज्ञान का बखान अपने घर, परिवार और समाज में करके इस बीमारी के प्रति स्वयं तो मानसिक एवं शारीरिक रूप से और अधिक नकारात्मक होते ही जा रहे एवं अपने आसपास के लोगों की मानसिकता को भी दूषित-प्रदूषित कर रहे हैं। बस इतनी ही जानकारी पर्याप्त है कि घर से बाहर ना निकला जाए,आवश्यकतानुसार मास्क लगाया जाए, नियमित अंतराल पर सैनिटाइजर का उपयोग हो और सतत रूप से किसी भी साबुन से हाथ धोते रहें।इसके अलावा अन्य कोई भी जानकारी किसी भी नॉन मेडिको के लिए आवश्यक नहीं है। इसका दूसरा पक्ष है हमारी मानसिकता से जुड़ा है।फेशियल मास्किंग के साथ मेंटल मास्किंग भी अति आवश्यक है अन्यथा फेस मास्क का प्रभाव कम हो सकता है। हमको यह प्रयास करने हैं कि हम अधिक से अधिक सकारात्मक मानसिकता की ओर अपना ध्यान केंद्रित करें, तो संभव है कि हम सरलता से इस संकट से उबरने में सफल हो जाएंगे।
हम जीत जाएंगे, बशर्ते हमारा स्वयं पर विश्वास बना रहे। जो परिस्थितियां हमारे सामने हैं।उसमें परेशान होने के स्थान पर यह विचार करें कि हम इन परेशानियों को परास्त कर लेंगे। मन को शांत रखें, इससे मानसिकता सकारात्मक बनी रहेगी।इस हेतु योग-ध्यान, अच्छी चीजें पढ़ना-सुनना और देखना या ऐसा अन्य कुछ जो हमको हर्षित करे।मीडिया, सोशल मीडिया की नकारात्मकता के स्थान पर अपनों से, अपनों के बीच, अपनों के लिए समय व्यतीत करें लाभ होगा।
नकारात्मक विचार भस्मासुर होते हैं, जो हमें ही भस्म करने का कार्य करते हैं, लेकिन हम अनेक अवसरों पर इसे समझ नहीं पाते।संक्रमण से हार जाने वालों की तुलना में संक्रमण से जीतने वालों की संख्या बहुत अधिक है। बल और विवेक से कार्य करें। जीत हमारी ही होगी।
राकेश चौहान
ज़िला सूचना अधिकारी
गौतमबुद्ध नगर/ गाज़ियाबाद
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