वसई। सार्वजनिक छुट्टी के दिन सरकारी काम करते कैमरे मे पकड़े गये बगैर अनुबंध के बाहरी लोग वसई, तहसीलदार कार्यालय के मातहत पुरवठा विभाग मे चल रहे गैर वैधानिक कामों को पिछले कुछ समय से फ्यूचर लाइन टाइम्स लगातार उजागर करते आ रहा है जिसमे पहले राशन के धान को बिना अनुमति प्राइवेट स्थान पर रखा गया था। दरअसल वसई पुरवठा विभाग का काम काज सरकारी अधिकारी नहीं करके बाहरी लोगो द्वारा करवाए जाने की खबर आये दिन सुनने मे आती है। जिसमे उन बाहरी लोगो के काम करने पर सरकारी कार्यालय मे दलाली प्रवृती को बढ़ावा मिलता है। सूत्रों कि माने तो बिना वैध दस्तावेज के भी राशन कार्ड वसई मे जारी किए जाते है। सरकारी काम मे अवैध कार्यों के भी होने की आशंका बढ़ती है. ठीक इसी तरह का मामला वसई से सामने आया है जहा पुरवठा विभाग राशनिंग ऑफिस मे बाहरी लोग सरकारी काम को अंजाम देते पाए गये जों सरकारी नियमानुसार न सिर्फ गलत है बल्कि एक बड़ा गुन्हा है और इस काम को अंजाम देने वाले कोई और नही बल्कि खुद पुरवठा अधिकारी हैै।बात करे वसई तहसीलदार कार्यालय की तो आपकी बतादे तहसीलदार कार्यालय अंतर्गत ही एक सरकारी महिला कर्मचारी के छुट्टी पर जाने के बाद उसी कर्मचारी की जगह दूसरी बाहरी महिला द्वारा बैठ कर सरकारी कम्प्यूटर को ऑपरेट करने का फोटो भी पिछले दिनों सामने आया था जिसकी खबर स्वतंत्र सागर ने पूर्व के एक अंक मे लगाई थी स्वतंत्र सागर की उस खबर के बाद बीते सप्ताह मे स्वतंत्र सागर स्थानिक संवाददाता को खबर मिली की तहसील के पुरवठा विभाग मे मुख्य खिड़की जहा से राशन कार्ड बनाने हेतु सभी तरह की अर्ज़ीया लीं जाती है उस खिड़की पर एक बाहरी व्यक्ति जिसके पास सरकारी नौकरी मे कार्यरत होने का कोई नियुक्ति पत्र नहीं है। ना ही कोई सरकारी आदेश है। ना ही ठेके का कोई अनुबंध या अस्थाई तौर पर कुछ समय तक कार्य किए जाने का पत्र है जिसका नाम प्रसाद चौधरी बताया गया है बैठता है इस खबर की सच्चाई जानने के लिए स्थानिक संवाददाता ने पिछले बुधवार को अपने तहसील कार्यालय के दौरे के दौरान खिड़की पे बैठे प्रसाद चौधरी से कैमरे के सामने अपनी नियुक्ति का पत्र अथवा सरकारी पहचान पत्र माँगा तब प्रसाद चौधरी पहचान पत्र दिखाने के बजाए खिड़की से उठकर भाग खड़ा हुआ तब स्थानिक पत्रकार ने मामले को वसई तहसीलदार मेडम उज्वला भगत के संज्ञान मे लाकर मेडम से स्पस्टीकरण माँगा और प्रतिक्रिया स्वरुप जवाब तलब किया तब तहसीलदार मेडम ने उपरोक्त मामले को बड़ी चूक मानते हुए पुरवठा अधिकारी रोशन कापसे को प्रसाद चौधरी समेत सभी बाहरी व्यक्ति को कार्यालय से तत्काल निकालने का जबानी आदेश दिया। लेकिन उस आदेश की अमल बजावणी हुई नही और किसी भी बाहरी व्यक्ति को पुरवठा विभाग से निकाला नहीं गया। इतना ही नहीं बुधवार को हुए इतने सब घटनाक्रम के बाद भी फिर से शुक्रवार को जिस दिन गुड़ फ्राइडे की सार्वजनिक छुट्टी होने के बाद भी प्रसाद चौधरी समेत कई अन्य बाहरी लोगो द्वारा गैर कानूनी तरिके से राशन कार्ड बनाने की गुप्त जानकारी स्थानिक पत्रकार को मिली जिस पर स्थानिक पत्रकार के साथ कुछ और पत्रकारों ने एक स्टिंग ऑपरेशन अंजाम दिया जिस वक़्त यह स्टिंग ऑपरेशन अंजाम दिया जा रहा था उसी समय वसई के एक समाज सेवक स्वप्निल डिकुन्हा भी मौजूद थे इन सभी लोगो ने मिलकर एक साथ तहसीलदार कार्यालय की और कूच किया और सभी ने अपने कैमरे से पूरे प्रकरण को रिकॉर्ड कर लिया जिसमे कार्यालय मे छुट्टी का दिन होने की वजह से सभी विभाग बंद पाए गये सिर्फ पुरवठा विभाग खुला पाया गया जिसमे पत्रकारों को कैमरे लेकर घुसते देख एक कर्मचारी ने बिजली के उपकरण बंद कर दिए और दरवाजे अंदर से बंद कर दिए फिर भी पत्रकार अंदर गुसे और सवाल किया की क्या काम चल रहा है? तब पुरवठा अधिकारी रोशन कापसे ने सामान्य बाक़ी रह चुके विभागीय कार्य को पूर्ण करने की बात कही तब रोशन कापसे से किसी बाहरी व्यक्ति के होने का सवाल पूछा गया तो रोशन कापसे ने इंकार करते हुए सिर्फ खुद के साथ एक और अधिकारी जिसका नाम लोखंडे है के ही कार्य करने की बात कही जहा यह बात चीत चल रही थी वहा उन दोनों के सिवाए तीसरा कोई और दिखाई भी नहीं दे रहा था लेकिन चुंकि बाहर से भीतर आने के वक़्त एक व्यक्ति ने बिजली के उपकरण बंद किए थे वह भी अचानक ओझल हो गया था तो उस कारण पत्रकारों ने हाथो मे कैमरे लिए भीतर की तरफ एक ख़ुफ़िया कमरे का रुख करते हुए उस कमरे के दरवाजे को खोला जैसा ही दरवाजा खुला रोशन कापसे का जूट पकड़ा गया उस ख़ुफ़िया कमरे मे कुल 10 लोग पाए गये जिसमे से कुछ सरकारी कम्प्यूटर पर कार्य कर रहे थे तो कुछ राशन कार्ड के दस्तावेजों की जाँच पड़ताल कर रहे थे उन सभी कार्यरत लोगो से उनकी नियुक्ति या कॉन्ट्रेक्ट पत्र और सरकारी परिचय पत्र का सवाल किया गया तब एक व्यक्ति ने अपना परिचय पत्र दिखाते हुए खुद को सेतु कर्मचारी बताया बाक़ी किसी के भी पास कोई वैध परिचय पत्र या अनुबंध पत्र नहीं मिला और तो और प्रसाद चौधरी नामक व्यक्ति जिसको निकाले जाने का तहसीलदार मेडम ने पहले ही आदेश दे दिया था वह भी राशन कार्ड दस्तावेज जाँच पड़ताल करते हुए ऑन कैमरा पकड़ा गया। पुरवठा अधिकारी रोशन कापसे से ज़ब स्पस्टिकरण माँगा गया तब कैमरे के सामने ही रोशन कापसे उलूल झलूल तर्क देने लगे कहने लगे की हमारे पास स्टॉफ की कमी है, काम का बोझ अधिक है, पिछले कुछ महीनो से राशन कार्ड उपलब्ध नहीं थे जों अब उपलब्ध हुए है, और कई राशन कार्ड बनाये जाने बाक़ी है, इन सभी कारणों से आज सार्वजनिक छुट्टी के दिन हम बक़ाया काम पूरा कर रहे है। साथ ही रोशन कापसे ने कैमरे के सामने यह भी कहा की यह सब लोग मेरे आने के पहले से इसी तरह बगैर नियुक्ति के यहां कार्यरत है, मैंने इनको नहीं रखा है रोशन कापसे को उन सभी कार्यरत बाहरी व्यक्ति को कितनी पगार है और पगार कौन देता है? का सवाल किया गया तब रोशन कापसे ने इन बाहरी लोगो को अपनी तनख्वाह मे से 3 हजार प्रति माह दिए जाने कि बात कही फिर पत्रकारों ने सवाल किया कि 10 लोगो को 3 हजार प्रति व्यक्ति मतलब कुल 30 हजार रूपये अपने वेतन से कैसे दिए जाने का सवाल किया तो रोशन कापसे ने यूटर्न लेते हुए सिर्फ 2 जन को ही 3 हजार दिए जाने कि बात कही। रोशन कापसे के यह सब तर्क कहा तक सही है यह तो उच्यस्तरीय जाँच के बाद ही पता लग पायेगा। लेकिन रोशन कापसे ने अपने स्पस्टिकरण के बाद खुद ही कुछ सवालों को जन्म दे दिया जैसे। सबसे पहला सवाल राशन कार्ड जारी किया जाना नहीं किया जाना कोई अति आवश्यक सेवा अंतर्गत नहीं आता है फिर इतना कितना अहम काम बाक़ी रह गया था जिसको पूरा करने पुरवठा विभाग के अधिकारी को सार्वजनिक छुट्टी के दिन कार्यालय आना पड़ा? दूसरा सवाल इतना ही अवश्यक काम बाक़ी था तो बाक़ी वैध स्टॉफ को क्यों नहीं बुलाया गया बाहरी लोगो को क्यों बुलाया गया? तीसरा सवाल यह है कि कार्यालय के काम को चोरी चुपके पीछे ख़ुफ़िया कमरे मे बैठ कर करने कि नौबत क्यों आई? सवाल नंबर चार क्या कोई व्यक्ति आज के इस समय मे 3 हजार रूपये मासिक मे कार्य करने को तैयार होता है और एक सरकारी अधिकारी क्यों किसी को सरकारी काम के बदले अपनी तनख्वाह मे से पैसे चुकायेगा? पांचवा सवाल सरकारी अथवा कई गैर सरकारी कार्यालयों मे स्थाई और अस्थाई जों कॉन्ट्रैक्ट पर कार्यरत होते है ऐसे दोनों ही तरह के कर्मचारियों के परिचय पत्र, नियुक्ति पत्र जारी किए जाते है तो ऑपरेशन के समय वहा पाए गये एक को छोड़कर बाक़ी किसी के भी पास अनुबंध पत्र या परिचय पत्र क्यों नहीं मिला? इन ऊपर लिखें गये सभी सवालों का जवाब सरकार को एक उच्य स्तरीय जाँच कमेटी गठित कर रोशन कापसे से पूछने चाहिए।
शुक्रवार को किए गये स्टिंग ऑपरेशन के समय पत्रकारों के बुलावे पर वसई पुलिस थाने के अधिकारी ने पुरवठा विभाग कार्यालय मे जाकर सभी विषयो को खुद देखा है बल्कि कार्यरत सभी बाहरी व्यक्ति के नाम पुलिस ने एक कोरे कागज पर लिखें भी है साथ ही पुलिस एवं पुरवठा अधिकारी दोनों के बुलावे पर तहसीलदार मेडम उज्वला भगत ने भी तहसील कार्यालय मे आकर मामले कि जानकारी लीं थी इतना ही नहीं तहसीलदार मेडम वसई पुलिस स्टेशन मे तक गई थी अपना स्पस्टिकरण देने हेतु तहसीलदार मेडम से वहा मौजूद पत्रकारों ने आधिकारिक बयान जारी करते हुए ऑन कैमरा स्पस्टिकरण दिए जाने का अनुरोध किया था लेकिन मेडम ने यह कहते हुए कि मुझे अथॉरिटी नहीं है कोई आधिकारिक वक्तव्य नहीं दिया हां लेकिन तहसीलदार मेडम ने पुरवठा अधिकारी रोशन कापसे को तुरंत फटकार लगाते हुए सभी बाहरी लोगो को तुरंत निकाले जाने का फिर जबानी आदेश जरूर दिया था। इस खबर के माध्यम से फ्यूचर लाइन टाइम्स सरकार से एवं पालघर जिलाधिकारी से मांग करता है कि इस मामले कि प्रशासन सम्पूर्ण जाँच करवाते हुए तत्काल रोशन कापसे के ऊपर नियमों के उलंघन के चलते निलंबन कि कार्यवाही करे।
वही शुक्रवार के दिन हुए घटनाक्रम एवं लिए गये वीडियो रिकॉर्डिंग के आधार पर मामले के गुनहगार के खिलाफ गुन्हा दर्ज करवाए ताकि प्रशासन मे जनता का विश्वास बना रह सके।
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