बागपत। चैत्र के महीने में मां दुर्गा के विभिन्न स्वरूपों की पूजा करने से होती हैं आलौकिक शक्तियों की प्राप्ति। एक वर्ष मे चैत्र नवरात्र, शारदीय नवरात्र और दो गुप्त नवरात्रों पर होती है मां दुर्गा की विशेष पूजा अर्चना। हिन्दू धर्म में चैत्र का महीना बहुत ही शुभ माना जाता है। इस महीने में नवरात्र और रामनवमी सबसे महत्वपूर्ण त्यौहार माने जाते है। हिंदू रीति-रिवाजों के जानकार और प्रसिद्ध समाजसेवी जयकुमार ने बताया कि एक वर्ष में हिन्दूधर्म में चार प्रकार के नवरात्र आते है। चैत्र नवरात्र, शारदीय नवरात्र और दो गुप्त नवरात्र। इन चारों नवरात्रों पर मां दुर्गा के विभिन्न स्वरूपों की पूजा अर्चना की जाती है। चैत्र नवरात्रों में पहले दिन मां शैलपुत्री, दूसरे दिन मां ब्रहमचारिणी, तीसरे दिन मां चंद्रघण्टा, चौथे दिन मां कुष्मांडा , पांचवे दिन मां स्कंदमाता, छठे दिन मां कात्यायिनी, सातवें दिन मां कालरात्रि, आठवें दिन मां महागौरी की पूजा अर्चना की जाती है। इस दिन अष्टमी भी मनाई जाती है। नवरात्र के नौ वें दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है। हिन्दूधर्म के अनुसार चैत्र माह के शुक्ल पक्ष के दिन मां दुर्गा अवतरित हुयी थी और उनके कहने पर भगवान ब्रहमा जी ने सृष्टि की रचना आरम्भ की। इसी कारण यह दिन हिन्दू कलैंण्ड़र में साल का पहला दिन माना जाता है। नववर्ष के इस पहले दिन हिन्दू लोग व्रत रखते है, सामर्थ्य के अनुसार दान-दक्षिणा करते है, पूजा-पाठ करते है और जरूरतमंदों की सहायता करते है और यह सिलसिला नौ दिनों तक लगातार चलता रहता है। बताया कि नवरात्रों में मां दुर्गा पृथ्वी पर स्वयं उपस्थित रहती है। चैत्र नवरात्र के नौ वें दिन भगवान श्रीराम का जन्म हुआ था। इस दिन को रामनवमी के पर्व के रूप में मनाया जाता है। कहा कि विश्व का कल्याण सिर्फ हिन्दू धर्म और उसकी संस्कृति को अपनाकर ही संभव है। उन्होने कहा कि सरकार को हर कक्षा में हिन्दू धर्म की शिक्षा को अनिवार्य विष्य के रूप में लागू करना चाहिये। उन्होने देशवासियों से आहवान किया कि अन्य विष्यों की शिक्षा के साथ-साथ अपने बच्चों को हिन्दूधर्म की शिक्षा भी दिलवायें और हिन्दू धर्म की महान संस्कृति के बारे में उनको बतायें।
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