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विश्व जल दिवस के उपलक्ष्य में हिंडन मंथन कार्यक्रम का हुआ आयोजन।

फ्यूचर लाइन टाईम्स, राजेंद्र चौधरी  संवादाता गाजियाबाद की रिपोर्ट। गाजियाबाद :डॉ. जितेंद्र नागर कार्यक्रम संयोजक चेयरमैन, ESDA ने बताया कि दिनांक 21/03/2021 विश्व जल दिवस के उपलक्ष्य में हिंडन मंथन विश्व जल दिवस के उपलक्ष्य में राष्ट्रीय स्तर पर पर्यावरण संरक्षण के लिए समर्पित संस्था 'एन्वाइरन्मेंट एंड सोशल डेवेलॉपमेंट असोसिएशन' ई. एस. डी. ए. ने सिटी फोरेस्ट राजनगर एक्सटेन्शन में वर्षा जल संचय Catch the Rain एवं हिंडन नदी के संरक्षण एवं उसकी निर्मल व अविरल धारा के विषय में हिंडन - मंथन कार्यक्रम आयोजित किया। कार्यक्रम में उत्थान समिति एवं नेहरू युवा केंद्र गाजियाबाद व दसम संस्था विशेष रूप से सहयोगी रही । कार्यक्रम में शाशन प्रशाशन, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, इंडस्ट्रियल असोसिएशन, आर. डब्ल्यू. ए., समाजसेवा संस्थाओं के प्रतिनिधि तथा शहर के सैकड़ों गणमान्य व्यक्ति, पर्यावरणविद, समाजसेवी, छात्र, नेहरू युवा केंद्र के वॉलंटियर्स आदि ने भागीदारी की एवं प्रकृति के असली वातवरण में जल संरक्षण एवं नदी पुनर्जीवन के लिए परिचर्चा की। कार्यक्रम का शुभारंभ हिंडन बचाएंगे हम नाटक से किया गया जिसमे मरती हुई हिंडन के दर्द को व्यक्त किया गया।  
कार्यक्रम संयोजक डॉ जितेंद्र नागर ने बताया की हिंडन नदी पश्चिम उत्तर प्रदेश की महत्वपूर्ण धरोहर है जो लाखो लोगों की जीविका एवं पानी का  मुख्य स्रोत है। यह यमुना की सहायक नदी है और यमुना गंगा की मुख्य सहायक नदी है । इसलिए गंगा जब साफ नहीं हो सकती जब तक हिंडन जैसी नदियो को प्रदूषणमुक्त नहीं किया जाएगा। हिंडन में सात जिलो का लगभग 750 एम. एल. डी. सीवेज एवं उधोगों का अपशिष्ट रोजाना मिलता जो यमुना के माध्यम से गंगा में पहुचता है। 300 किमी लम्बी हिंडन नदी क्षेत्र में 350 प्रदूषण फैलाने वाली इंडस्ट्रीज है तथा इसमें 31 नाले आकर मिलते है । अनेक अध्ययनो में पाया गया है कि नदी के पानी में जहरीले कण जैसे लेड, कैडमियम, जिंक, कोबाल्ट, क्रोमियम, आयरन, अल्युमिनियम आदि काफी मात्रा में पाए जाते है जो हमारे खाद्य पदार्थो में पहुचकर कैंसर जैसी भयानक बीमारी को जन्म दें रहे और हजारो लोग असमय मोत के शिकार हो रहे है ।
डॉ नागर ने बताया कि कार्यक्रम का उद्देश्य हिंडन नदी को पुनर्जीवित करने के लिए इसकी मुख्य समस्या को जानकर कार्य करने की योजना बनाना है । ई. एस. डी. ए. जल्दी है युद्ध स्तर पर योजना बद्ध तरीके से हिंडन सरक्षण के लिए सातो जिलो में जन सहभागिता से कार्य करेगी जिसका मुख्य केंद्र गाजियाबाद होगा जहा यह सबसे प्रदूषित होती है और मृतप्राय रूप ले लेती है।  
कार्यक्रम मुख्य अतिथि गाजियाबाद की महापौर आशा शर्मा ने कहा है कि हम हिंडन नदी साफ एवं स्वच्छ बनाने के लिए क्रमबद्ध है और हम चाहते है गाजियाबाद देश का सबसे स्वच्छ शहर बने।
मुख्य वक्ता एवं केंद्रीय प्रदूषण नियन्त्रण बोर्ड दिल्ली के अडिशनल डाइरेक्टर वी. पी. यादव ने बताया कि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने हिंडन की अविरलता एवं निर्मलता के लिए हिंडन एक्शन प्लान तैयार किया। प्रदूषण फैलाने वाली सभी इंडस्ट्रीज को चिन्हित किया गया और सभी नालों की पहचान की गयी है जिस पर सरकार जल्दी ही उचित कार्यवाही करेगी । माननीय ग्रीन ट्रिबुनल भी हिंडन को लेकर काफी गम्भीर है। 
जामिया मिलिया इस्लामिया दिल्ली के प्रोफेसर सिराजुद्दीन अहमद ने बताया कि हिंडन में ट्रेस मेटल जो बहुत जहरीले होते है उनका स्तर काफी ऊंचा है जो हमारे भूजल को भी जहरीला कर रहे जिससे अनेक  बीमारियां फैल रही है।  नदी में ऑक्सिजन का लेवेल जीरो के बराबर रह गया जिससे इसमें जीवधारी विलुप्त हो गए है ।
साहिबाबाद विधायक सुनील शर्मा ने कहा कि हमने हिंडन को मार दिया है और इसके लिए शहर में प्रदूषण एमर्जेन्सी लगनी चाहिये। उन्होने लोगों से अपील की यदि शाशन प्रशाशन के साथ जनता भी सहयोग करेगी तो हम हिंडन नदी को बचने में सफल होंगे। 
सामाजिक वानिकी सम्भाग निदेशक दीक्षा भंडारी ने कहा है नदियो के अस्तित्व को बचाए रखने एवं उनकी अविरल धारा के लिए पेड़ और जंगलो का बहुत महत्व है इसलिए हमे नदी किनारे अधिक से अधिक पौधारोपण करना चाहिये जिसमे हमारा विभाग पूर्ण सहयोग के लिए तत्पर है। प्रसिद्ध  पर्यावरणविद एवं पत्रकार ज्ञानेंद्र रावत ने कहा है अब हिंडन पुर्नजीवन के लिए एक आंदोलन की जरूरत है। उत्थान समिति के चेयरमैन एवं पर्यावरणविद सतेन्द्र सिह ने बतया कि हमने तीन दिवसीय हिंडन महोत्सव का आयोजन किया जिसका मुख्य उद्देश्य नागरिको को हिंडन के प्रिति जागरूक करना है। नेहरू युवा केंद्र के  जिला युवक अधीकारी सतेन्द्र कुमार ने बताया कि हमारा संगठन भारत सरकार के नेशनल वाटर मिशन के अन्तर्गत वर्षा जल संचय- कैच दी रैन के लिए जागरूक कर रहे है । कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे पूर्व विधायक कृष्णवीर सिरोही ने कहा कि  ऐसे कार्यक्रम से लोगों में काम करने की ऊर्जा एवं उत्साह बढ़ता एवं जागरूकता आती है। उन्होने कहा है कि वर्षा जल संचय पर विशेष कार्य करेंगे। कार्यक्रम में राकेश अग्रवाल, संजय कश्यप, डॉ अल्पना सुहासिनी, ममता गुप्ता, डॉ सरोज सिरोही, सरिता वर्मा, डॉ संध्या मिश्रा, डॉ गीतांजली सगीना, डॉ कविता खटाना, रवींद्र चौधरी भगतराम, डॉ रिंकल शर्मा, शशी पंडित, कल्पना नागर, रवीद अहमद, डॉ सुनीता तनेजा, कर्नीका, जगत सिह, भूपेंद्र नागर, सत्यार्थ शांडिल्य, डॉ नदीम, अलका, डॉ नीलम शर्मा, वी. के. अग्रवाल, रवींद्र नागर, डॉ सी. एम. मीणा आदि लोगों ने अपने विचार व्यक्त किए ।    
 

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