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बंगाल से लाकर बंधक बनाई गई 18 युवतियों व महिलाओं को कराया मुक्त।

फ्यूचर लाइन टाईम्स जितेंद्र सैन संवाददाता गाजियाबाद की रिपोर्ट। 
मिशन मुक्ति फाउंडेशन ने अन्य संस्थाओं की मदद से बंगाल से लाकर बंधक बनाई गई 18 युवतियों व महिलाओं को कराया मुक्त। रेस्क्यू फाउंडेशन की तहरीर पर दर्ज हुआ मुकदमा।
गाजियाबाद। बंगाल से लाकर लोनी के अशोक विहार के एक मकान में 18  लड़कियों व महिलाओं के अलावा कई पुरुषों को बंधक बनाकर रखने के मामले में पुलिस ने एनजीओ की शिकायत पर सभी को बंधन मुक्त कराकर आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। बतादें कि दिल्ली की मिशन मुक्ति फाउंडेशन के चेयरमैन वीरेन्द्र कुमार को लोनी में महिलाओं व लड़कियों को बंधक बनाकर रखने की सूचना मिली उन्होने तुरंत नेशनल कमीशन फ़ॉर प्रोटेक्शन ऑफ चाइल्ड राइट को लिखित में सूचना दी।जिसके बाद एन सी पीसीआर चेयरमैन प्रियंक ने गाजियाबाद के एसएसपी को अवगत कराया।एसएसपी कलानिधि नैथानी ने मामले को गंभीरता से लेते हुए ह्यूमन ट्रैफकिंग यूनिट को ऑपरेशन सफल बनाने के निर्देश दिए। तथा मिशन मुक्ति फाउंडेशन की निगरानी में छापा मारने को कहा। टीम ने लोनी पुलिस की मदद से अशोक विहार के बताए गए मकान पर छापा मारकर सभी 18 लड़कियों, महिलाओ को मुक्त करवा दिया। छापे के दौरान उज्ज्वल भारत मिशन की नेशनल सेक्रेटरी स्नेहा शिशोदिया, चाइल्ड लाइन आकाश शिशोदिया,संजय कुमार, अमित, पल्लवी अशोक कुमार ,शंकर फाउंडेशन के पदाधिकारी अरुण कुमार गुप्ता की तहरीर पर ह्यूमन ट्रेफ़किंग करने वालों के खिलाफ संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है। छापे के दौरान बंधक बनाकर रखी गई युवतियों,महिलाओं की हालत गंभीर थी। एसपी देहात डॉक्टर ईरज राजा ने बताया कि 4 लड़कियां 18 साल से कम आयु की और 14 महिलाएं 18 साल से अधिक उम्र की हैं। नाबालिग लड़कियों को बालिका गृह में रखा जाएगा। जबकि 14 महिलाओं को पुलिस की मदद से उनके परिजनों के सुपुर्द किया जाएगा। उन्होंने बताया कि पूछताछ के दौरान पता चला कि  महिलाओं को घरों में नौकरी करवाने के लिए लोनी लाया गया था। पुलिस का कहना है कि मामले की गंभीरता से जांच की जा रही है।

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