फ्यूचर लाइन टाईम्स, मनोज तोमर की रिपोर्ट।
दादरी : रातों के चेन छीनने वाले एसबीआई क्रेडिट कार्ड ने मचा रखी है धूम। एक तरफ कोरोना वायरस का पूरे विश्व में आतंक मचा रखा है। वहीं दूसरी तरफ एसबीआई के क्रेडिट कार्ड में आमजन की रातों की नींद हराम कर रखी है। उपभोक्ताओं पर बैंक एवं अन्य विभागों में पैसे की लेनदेन पर उच्च कोटि का ब्याज थोपा जा रहा है। सुनवाई के नाम पर आमजन को गुमराह किया जा रहा है। एक ऐसी ही घटना दादरी निवासी के साथ घटी जिसने कुछ दिन पूर्व क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल किया उसके उपरांत कुछ लेनदेन के किया जिसका अमाउंट ब्याज पर लगभग कई गुना अधिक प्रत्येक महीने पर लिया जा रहा है एसबीआई के कस्टमर केयर से अनेकों बार उपभोक्ता ने संपर्क किया लेकिन हर बार गुमराह किया गया। टोल फ्री नंबर भी नहीं मिल पाया अनेकों बार संबंधित बैंक में एजेंटों से संपर्क किया लेकिन एसबीआई क्रेडिट कार्ड के एजेंट फोन उठाने में भी परेशानी महसूस करते हैं कई बार फोन से संपर्क करने के बावजूद भी एजेंटों का कोई जवाब नहीं आया। सरकार द्वारा क्रेडिट कार्ड की कौन सी व्यवस्था लागू कर रखी है? जिसमें आम जन को लूटा जा रहा है। जिसकी उपभोक्ता कहीं शिकायत करने में भी अनेक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। वह मानसिक रूप से अत्यधिक पीड़ा दी जा रही हैं अगर क्रेडिट कार्डों का यही हाल रहा तो आने वाले दिनों में क्रेडिट कार्ड से आमजन तो आत्महत्या कर लेगा या अपनी जो संपत्ति है उसको बेचकर ही क्रेडिट कार्ड की वसूली हो पाएगी अन्यथा नहीं क्योंकि क्रेडिट कार्ड बची रकम पर ब्याज नहीं वसूलते बल्कि उल्टे सीधे कई गुना धन की अवेध वसूली करते हैं। जिससे सैकड़ों उपभोक्ता परेशान हैं अगर सरकार को यही व्यवस्था लागू करनी है तो सीधा सीधा आमजन को सूली पर लटका दे तो अच्छा होगा क्योंकि क्रेडिट कार्ड के द्वारा स्लो प्वाइजन का कार्य किया जा रहा है आमजन आत्महत्या तक करने को मजबूर है सरकार से उपभोक्ता के माध्यम से निवेदन किया गया है कि इस एसबीआई कार्ड की क्रेडिट कार्ड की व्यवस्था को या अन्य कंपनियों के क्रेडिट कार्ड की धन वसूली व्यवस्था को बदल कर देश में रह रहे आमजन को खुशी का अवसर प्रदान किया जाए।उपभोक्ता अपने आप को ठगा सा महसूस कर रहा है क्योंकि जो अमाउंट क्रेडिट कार्ड के माध्यम से उपयोग किया गया था बच्चे अमाउंट का लगभग 5 गुना 4 माह में एसबीआई क्रेडिट कार्ड के द्वारा पैसा वसूला जा रहा है। क्रेडिट कार्ड की तानाशाही देख कर ऐसा लगता है कि कि यह कार्ड कंपनियां कार्ड धारकों को केवल लूटने का काम बड़े स्तर पर जोर शोर से किया जा रहा है किसी सरकारी संस्था का क्रेडिट कार्ड कंपनियों पर कोई नियंत्रण नहीं है ऐसा प्रतीत हो रहा है।
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