फ्यूचर लाइन टाईम्स, मनोज तोमर ब्यूरो चीफ गोतम बुद्ध नगर ।
दादरी : वास्तव में नब्बे के दशक में विधायक महेंद्र सिंह भाटी की मृत्यु के पश्चात समाज तथा क्षेत्र मे प्रारम्भ हुई राजनैतिक शून्यता की भरपाई आज तक नही की जा सकी है।उपरोक्त उल्लेखित बातें पिछले पच्चीस वर्षों से समाज एवं क्षेत्रीय लोगों के उत्पीड़न की घटनाओं के संदर्भ के आधार पर कही जा सकती है फिर वो चाहे प्राधिकरण द्वारा क्षेत्रीय किसानो अथवा कंपनियो द्वारा रोज़गार के नाम पर स्थानीय लोगों का उत्पीड़न करने को लेकर हो या प्रशासन द्वारा समाज के लोगों को चिन्हित कर उन्हें निशाना बनाने को लेकर हो।जिस नोयडा दादरी क्षेत्र को वर्तमान तक प्रदेश में गुर्जरो की राजधानी के नाम से जाना जाता रहा है उसको पहचान दिलाने का श्रेय पूर्णत महेंद्र भाटी जी को जाता है जिन्होंने अपनी राजनैतिक कार्यशैली से यह पहचान सहारनपुर स्थित तत्कालीन गुर्जर केंद्र काँधला से दादरी स्थानांतरित की।क्षेत्र के लोगों के उत्पीड़न पर आज जिस प्रकार समाज के प्रबुद्ध एवं राजनैतिक लोगों द्वारा मौन साधा जा रहा है वाक़ई में यह विचारणीय है।वास्तव में वर्तमान दिशाहीन समाज को आज स्व: महेंद्र सिंह भाटी जैसे ठोस राजनैतिक नेतृत्व की आवश्यकता है जिनके माध्यम से हमारे द्वारा अपनी आवाज़ को मुखरता से रखा जाता था।
विशाल नागर एडवोकेट
0 टिप्पणियाँ