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मृतक पक्षियों, मुर्गियों आदि के संपर्क में ना आए ना ही उन्हें छुए- मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी

फ्यूचर लाइन टाईम्स, राजेंद्र चौधरी संवादाता गाजियाबाद ।

गाजियाबाद : पशु पालन विभाग द्वारा बर्ड फ्लू से संबंधित जानकारी की गई साझा। चिकन या अंडे को साफ सफाई से 70 डिग्री तापमान पर अच्छी तरह पकाने से यह खाने के लिए बिल्कुल सुरक्षित है।

गाजियाबाद : मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी गाजियाबाद डॉ महेश कुमार ने जानकारी देते हुए बताया है कि बर्ड फ्लू, मुर्गियों का एक संक्रामक रोग है जो एवियन इन्सएन्जा ( H5N1 ) नामक विषाणु के संक्रमण द्वारा फैलता है। बर्ड फ्लू विमारी चिकन टक गीज और बत्तख की प्रजातिका पहियों को सबसे ज्यादा प्रभावित करती है। बर्ड फ्लू रोग पक्षियों से मनुष्य में फैल सकता है।  उत्तर प्रदेश के सीमावती राज्यो मे वर्ड फ्लू के सकमण की खबर आ रही है। जिसका दृष्टिगत कर विभिन्न उपाय / बचाव किया जाना आवश्यक है। विकास भवन गाजियाबाद में कन्ट्रोल रूम स्थापित किया गया जिसका दूरभाष नम्बर 0120-2829040 है, पर बर्ड फ्लू से संबंधित सूचना उपलब्ध  कराई जा सकती है। उन्होंने बताया कि बर्ड फ्लू से बचने के लिए क्या करें।मुर्गियों में आकस्मिक मृत्यु सांस की बिमारी के लक्ष्ण व दस्त लगने की स्थिति में अपने नजदीकी पशु चिकित्सालय से संपर्क करें। मरे हुए पक्षियों से दूर रहें । अगर आपके आस पास किसी पक्षी की मौत हो जाती है तो इसकी सूचना संबंधित विभाग को दें। फ्रिज में पके हुए व कच्चे मीट को अलग अलग रखें।कच्चे मीट व अंडे हैंडल करने के बाद अपने हाथ ठीक से धोएं। मुर्गी पालक पाट्री फार्म में मुनियों और अंडों को हैंडल करते वक्त मास्क व गलब्ज का उपयोग करें।उन्होंने आगे भी जानकारी देते हुए बताया है कि बर्ड फ्लू से बचने के लिए क्या न करें, मृत पक्षियों, मुर्गियों आदि के सम्पर्क में न  आए न ही उन्ह छुए। मुर्गियों द अंडों का एक स्थान से दूसरे स्थान पर परिवहन न करें । कच्चे चिकन अंडे का सेवन ना करें। चिकन या अडे को साफ सफाई से 70 डिग्री तापमान पर अच्छी तरह पकाने से यह खाने के लिए बिल्कुल सुरक्षित है।

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