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14 जनवरी 2021 यानी मकर संक्रांति पर इन छह चीजों को दान करने से मिलता है धन, जीवन रहता है सुखी

14 जनवरी 2021 यानी मकर संक्रांति के पर्व का जाने महत्व :-पंडित कुलदीप शर्मा (ज्योतिषाचार्य)

गौतम बुध नगर मनोज तोमर ब्यूरो चीफ

 गौतम बुध नगर :-ग्रेटर नोएडा जारचा मकर संक्रांति के पर्व का भारत में बहुत विशेष महत्‍व है। मकर संक्रान्ति पूरे भारत और नेपाल में बहुत ही उत्‍साह से मनाया जाता है। पौष मास में जब सूर्य मकर राशि पर आता है तभी इस पर्व को मनाया जाता है। इस दिन सूर्य धनु राशि को छोड़ मकर राशि में प्रवेश करता है। वर्तमान शताब्दी में यह त्योहार जनवरी माह के चौदहवें या पन्द्रहवें दिन ही पड़ता है, लेकिन इस वर्ष 2021 में यह मकर संक्रांति का पर्व 14 जनवरी को श्रवण नक्षत्र में मनाया जाएगा। संक्रांति पर शुभ मुहूर्त सुबह 8:30 बजे से शाम 4::46 बजे तक है। माह के शुक्ल पक्ष में मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाता है। मकर संक्रांति का पर्व 14 जनवरी को होगा। इस दिन भगवान सूर्य उत्तरायण हो जाएंगे। सूर्य के उत्तरायण होने के साथ ही मांगलिक कार्य आरंभ हो जाएगा। ज्योतिषाचार्य पंडित कुलदीप शर्मा के अनुसार पौष शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को मार्तण्ड सप्तमी के नाम से भी जाना जाता है। मार्तण्ड सूर्य का एक नाम है। इस माह में लोहड़ी का पर्व भी बड़े उत्साह के साथ मनाने की परंपरा रही है। पौष माह में किए गए पुनीत कार्य का फल प्राप्त होता है। सूर्य को प्रसन्न करने के लिए उन्हें सूर्योदय के समय अर्ध्‍य देने के साथ आदित्य हृदय स्त्रोत का पाठ करने से आरोग्य की प्राप्ति होती है।14 जनवरी 2021 यानी मकर संक्रांति पर इन छह चीजों को दान करने से मिलता है धन, जीवन रहता है सुखीMakar Sankranti 2021: सूर्य के दक्षिणायन से उत्तरायण होने पर मकर संक्रांति का पर्व देशभर में अलग-अलग रूप में, अलग-अलग तरीके से मनाया जाता है। ज्योतिषीय दृष्टि से यह पर्व बेहद खास माना जाता है। मकर संक्रांति में सूर्य देव धनु राशि से मकर राशि में आते हैं। मकर संक्रांति के दिन पवित्र नदी अथवा जलकुंड में स्नान, दान-पुण्य के कार्य किए जाते हैं। शास्त्रों के अनुसार इस दिन कुछ विशेष चीजों का दान करने से जातकों को दोगुना फल प्राप्त होता है।  मकर संक्रांति को खिचड़ी पर्व के नाम से जाना है। इस दिन प्रसाद के रूप में खिचड़ी बांटने की परंपरा है। मान्यता है कि मकर संक्रांति के दिन खिचड़ी दान करने से जीवन में सुख और शांति आती है। स्वास्थ्य पर भी इसका सकारात्मक असर पड़ता है मकर संक्रांति के दिन इस दिन गुड़ और तिल दान करने का बड़ा महत्व है। शास्त्रों के अनुसार, मकर संक्रांति के दिन गुड़ एवं तिल का दान करने से कुंडली में सूर्य और शनि की स्थिति मजबूत होती है। समाज में मान-सम्मान बढ़ता है और कार्य सिद्ध होते हैं।जिन लोगों पर शनि की साढ़े साती का प्रभाव होता है। उन्हें मकर संक्रांति के दिन तांबे के बर्तन में काले तिल को भरकर किसी गरीब को दान करना चाहिए। इस उपाय के करने से आपकी कुंडली में शनिदोष दूर होगा। कार्य-व्यापार में तरक्की होगी और आपकी परेशानियां खत्म हो जाएंगी।मकर संक्रांति के दिन नमक दान करने का भी महत्व है। अगर किसी व्यक्ति का बुरा समय चल रहा है तो उसे मकर संक्रांति के दिन नमक का दान करना चाहिए। मकर संक्रांति के दिन घी का दान करना अच्छा माना जाता है। यह उपाय आपकी आर्थिक परेशानियों को दूर करने में कारगर सिद्ध हो सकता है। इस उपाय से जीवन में माता लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है।मकर संक्रांति के दिन गरीब, असहाय और जरूरतमंद लोगों को अनाज दान करना चाहिए। इस उपाय को करने से मां अन्नपूर्णा का खास आशीर्वाद मिलता है। जातकों के धन-धान्य के भंडार सदा भरे रहते हैं।मकर संक्रांति के दिन भगवान विष्णु ने पृथ्वी लोक पर असुरों का संहार उनके सिरों को काटकर मंदरा पर्वत पर फेंका था। भगवान की जीत को मकर संक्रांति के रूप में मनाया जाता है। मकर संक्रांति से ही ऋतु में परिवर्तन होने लगता है। शरद ऋतु का प्रभाव कम होने लगता है और इसके बाद बसंत मौसम का आगमन आरंभ हो जाता है। इसके फलस्वरूप दिन लंबे और रात छोटी होने लगती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मकर संक्रांति के दिन सूर्यदेव अपने पुत्र शनिदेव के घर जाते हैं। ऐसे में पिता और पुत्र के बीच प्रेम बढ़ता है। ऐसे में भगवान सूर्य और शनि की अराधना शुभ फल देने वाला होता है।


          

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