(आशीष सिंघल ग्रेटर नोएडा)
गौतम बुध नगर। स्वास्थ्य विभाग की उदासीनता से क्षेत्र में फर्जी पैथलॉजी लैब का कारोबार खूब फलफूल रहा है। क्षेत्र में झोलाछाप डॉक्टरों के क्लीनिक व नर्सिंग होम के साथ ही साथ कुकुरमुत्ते की तरह उपजे पैथोलॉजी लैबों में न सिर्फ मरीजों का आर्थिक शोषण होता है, बल्कि जांच रिपोर्ट भी भगवान भरोसे होती है।नोएडा से लेकर जेवर में लगभग चार दर्जन से अधिक पैथोलॉजी लैब संचालित हो रहे हैं। जानकारों का कहना है कि क्षेत्र की पैथोलाजी पर शायद ही कही रजिस्टर्ड पैथोलॉजिस्ट हों। अधिकतर पैथोलॉजी लैब की देखरेख अप्रशिक्षित हाथों में है। वहीं कुछ लैब टेक्नीशियनों द्वारा भी पैथोलॉजी लैब चलाए जा रहे हैं। लेकिन सबसे संख्या वैसे पैथोलॉजी लैबों की है, जिन्हें न तो डॉक्टर चला रहे हैं ना एलटी। ऐसे पैथोलॉजी लैब फर्जी तरीके से संचालित हो रहे है। ऐसे पैथोलॉजी लैबों की संख्या काफी अधिक हैं। केवल नोएडा व आसपास में ही दर्जनों ऐसे लैब संचालित हैं, जिन पर कहीं कोई बोर्ड तक नहीं लगा है। ये डॉक्टरों के पास कार्यरत स्टॉफ की मिलीभगत से मरीज को लैब तक लाते हैं।जानकार बताते हैं रिटेल का मेडिकल स्टोर का लाइसेंस बना हुआ है, और उपचार डॉक्टरी का कर रहे हैं, नाम न छापने की शर्त पर बताया कि हमारे ऊपर तक पैसे जाते हैं ऊपर तक हमारी सेटिंग रहती हैक्षेत्र में कुछ ऐसे पैथोलॉजी लैब व अल्ट्रासाउन्ड भी चल रहे हैं, जो किसी ऐसे डॉक्टर के नाम पर रजिस्टर्ड है जो यहां रहते तक नहीं है। उन लैबों में नौसिखिए खून निकाल रहे हैं। जांच कर रहे हैं और रिपोर्ट भी बनाकर दे दे रहे हैं। इतना ही नहीं, उस रिपोर्ट पर किसी डॉक्टर का हस्ताक्षर ले लेते हैं। ये डॉक्टर कौन होता है, कोई नहीं जानता। सभी की रिपोर्ट में किसी न किसी डॉक्टर का हस्ताक्षर रहता है, जबकि ऐसे कई जांच हैं जो सिर्फ एमडी पैथोलॉजी ही कर सकते हैं।कार्रवाई के लिए लिखा जा रहा पत्रगौतम बुध नगर के वरिष्ठ चिकित्साधिकारी डॉ.दीपक औहरी ने बताया कि विभाग द्वारा दिए गए गाइडलाइन के अनुसार ही पैथोलॉजी लैब का संचालन हो सकता है। उन्होंने कहा कि बिना रजिस्ट्रेशन के संचालित पैथोलॉजी लैबोंं, पर जल्द ही कार्रवाई के लिए टीमों को गठित कराया जा रहा है इनकेे विरुद्ध जल्द ही विधिक कार्रवाई अमल में लाई जाएगी
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