-->

गोरखपुर पोस्टमार्टम हाउस लंबे समय से अवैध वसूली चल रही है : अमन आलम

 




गोरखपुर : विशेष संवाददाता मनोज तोमर।  मेडिकल कॉलेज से जुड़े पोस्टमार्टम हाउस पर लंबे समय से अवैध वसूली हो रही है।  गोरखपुर के कई लोगों ने  गंभीर आरोप लगाते हुए कहाँ कि गोरखपुर मेडिकल कॉलेज के बगल में पोस्टमार्टम हाउस  पैसे ना देने पर शवों का पोस्टमार्टम नहीं किया जाता है. जिसकी जैसी हैसियत उससे वैसे ही पैसे लिए जाते हैं. किसी से 15 सौ रुपए की डिमांड की जाती है तो किसी से हजार रुपए.अभी तक आपने अस्पतालों में मरीजों से वसूली के तमाम किस्से सुने होंगे, मगर गोरखपुर में मरने के बाद भी उनके परिजनों से पैसे वसूले जा रहे हैं. पैसे ना देने पर उनका पोस्टमार्टम नहीं हो पाता है और उन्हें घंटों इंतजार करना पड़ता है.गोरखपुर में बना यह पोस्टमार्टम हाउस जहां पर रोजाना एक दर्जन से अधिक लाशों का पोस्टमार्टम होता है. यहां पर पोस्टमार्टम के नाम पर वसूली की जाती है. पैसे ना देने पर शवों का पोस्टमार्टम नहीं किया जाता है. जिसकी जैसी हैसियत उससे वैसे ही पैसे लिए जाते हैं. किसी से 15 सौ रुपए की डिमांड की जाती है तो किसी से हजार रुपए. ऐसे में मजबूर लोगों को पोस्टमार्टम हाउस से कर्मचारियों को पैसा देना पड़ता है और अपने परिचितों का पोस्टमार्टम करवाना पड़ता है. जो तीमारदार पैसे नहीं देता उसका नंबर शाम तक भी नहीं आ पाता है.ऐसे में इन पीड़ितों की सुनवाई करने वाला कोई नहीं. आए दिन हंगामा भी होता है मगर ना तो मुख्य चिकित्सा अधिकारी इसकी सुध लेते हैं और ना ही जिला प्रशासन. अमन आलम जिला उपाध्यक्ष ने कहा कि इस तरह की लगातार घटनाएं घटती जा रही है जिसके लिए हमने स्वम जांच किया जांच में सही पाया. उन्होंने आगे कहा कि पोस्टमॉर्टम करने वाले कर्मचारियों ने परिजनों से  फिनायल, पीपीकीट ,ग्लब्ज आदि के नाम पर रुपए की मांग की यह सब घटना मेरे समक्ष हुआ है। जिसकी शिकायत तुरंत मुख्य चिकित्सा अधिकारी गोरखपुर नहीं कर पाया इसका कारण यह था कि चिकित्सा अधिकारी कोररा टाइन होने के कारण उनसे संपर्क नहीं कर पाया. डॉक्टर सुषमा जयसवाल वरिष्ठ परामशारदाता पुलिस चिकित्सालय गोरखपुर एक हफ्ते के अंदर जांच की रिपोर्ट दी जाएगी. सुशील कुमार श्रीवास्तव चीफ फार्मासिस्ट ने कहा कि बॉडी को सील कराने वाले सिपाही को 2 लिफाफा दिया जाता है फिनायल,पीपीकीट ,ग्लब्ज  सेंट्रलाइजर , मस्तक, आदि उपलब्ध रहता है जो कि सरकारी मिलता है कोई रुपए वसूल नहीं की जाती, साथ ही कहा कि बीआरडी मेडिकल गोरखपुर में दो पोस्टमार्टम हाउस है जिसमें एक पोस्टमार्टम हाउस बीआरडी मेडिकल कॉलेज प्रधानाचार्य के अधीन है जिसमें जिले का शव वही रखा जाता है । दूसरे मैं केवल शव विच्छेदन का कार्य किया जाता है ,दोनों पोस्टमार्टम के हाउस के कर्मचारी अलग-अलग हैं, कफन और प्लास्टिक मानते हैं सरकारी सुविधा उपलब्ध नहीं है शव को कफन , प्लास्टिक से बांध देते हैं।जन समस्या मेला कमेटी गोरखपुर कार्यालय गोला बाजार में सोमवार से शनिवार तकलोगों की फरियाद सुन जाती है। इस दौरान गोरखपुर क्षेत्र से  अपनी  शिकायत भी दर्ज कराते हैं। अमन आलम जिला उपाध्यक्ष जन समस्या मेला कमेटी गोरखपुर ने कहा कि भारत की यह पहली ऐसी संस्था है जहां थाने से लेकर मुख्यमंत्री तक जनता की सीधी समस्याएं सुनी जाती हैं और समाधान होता है। उन्होंने कहा कि 72 घंटे के अंदर सभी की समस्याओं का समाधान कराया जाएगा। यदि कोई अधिकारी इसमें गड़बड़ी करेगा और समस्या का समाधान नहीं करेगा, उसकी शिकायत सीधे मुख्यमंत्री से की जाएगी।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ