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स्वामित्त्व योजना नही बल्कि गुलामी की दासता की योजना है! रघुराज सिंह

 किसान और किसानी खतरे में अब उसके साथ देश के गॉंवों के घर भी खतरे की जद में आ गये सरकार की इस स्वामित्त्व योजना से ? फ्यूचर लाइन टाईम्स मोहित खरवार संवाददाता नोएडा 

नोएडा  : कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं समाजसेवी रघुराज सिंह ने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री द्वारा घोषित स्वामित्त्व योजना देश के साढ़े 6 लाख से अधिक गॉंवों में रहने वाले लोगो के लिये की है । दिल्ली में भी पिछले दिनों में 1700 से ज्यादा अनऑथराइज्  कालोनियों को भी ऑथराइज किया भारत सरकार ने । दिल्ली में भी जिस भूमि पर ये अनऑथराइज् कालोनियां बसी है वो भी कई प्रकार की भूमि है । जैसे एलएमसी-रेलवे-फारेस्ट-वाटर बॉडी इत्यादि और ये कॉलोनी तो हाल ही  दशको से लेकर अब तक बसी है तथा अभी भी बस रही है उन सबको मालिकाना हक दिया गया । अब आगे आते है गॉंवो की तरफ जो सदियों से कई कई पीढ़ियों से बसे है , गॉंवों में तीन तरह की भूमि है एक तो स्वंम की खेती पर बने मकान, दूसरी एलएमसी की भूमि पर बने मकान तीसरे वो लोग है जिनको ग्रामीणों ने अपनी जमीन पर बसाया है। तो  ज्यादा तर ग्रामीण को स्वामित्त्व के अधिकार से वंचित करने की कुंठित योजना है । प्रधानमंत्री की घोषणा के मुताबिक नही है । देश के विभिन्न शहरों में कब्जाई भूमि की एवज में झुग्गी वासियों को प्लाट, फ्लैट इत्यादि दिये जाते है तो देश की ग्रामीण जनता के साथ भेदभाव क्यो । इससे तो यही प्रतीत होता है कि ये स्वामित्त्व योजना नही बल्कि गुलामी की दासता की योजना है । इस देश की सरकार में बैठे लोग नेता,मंत्री,  नोकरशाह और इस देश की न्यायपालिका में बैठे लोग जो निर्णय कर लोगो को कानून के नाम पर गुमराह कर रहे है मेरा उन सभी से सवाल है क्या देश मे दो कानून है या एक । ये सबका साथ सबका विकास नही बल्कि सबका साथ यानी 97% लोगो का साथ और अपना विकास यानी ३% लोगो का विकास । ग्रामीणों के साथ इस अन्याय के खिलाफ आवाज उठाइये वरना सबकी पीढियां हमेशा के लिये फिर गुलाम होंगी और जिन बुजुर्गों ने 1857 से लेकर 1947 तक आजादी के लिये अपने प्राणों की आहुति दी सब कलंकित हो जायेगी ।

 केंद्र व राज्यो की सरकारें गॉंव वालो की मासूमियत और उनकी अनभिज्ञता से खेल रही ये बहुत बड़ा पाप तो ही बल्कि गॉंव की जनता को बेवकूफ बनाने का कार्यक्रम है । 

गॉंव बचेंगे तभी देश बचेगा ।

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