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विश्व बैंक ने वार्षिक प्रकाशन व्यापार सुगमता रिपोर्ट के प्रकाशित करने पर लगाई रोक

फ्यूचर लाइन टाइम्स



दिल्ली : हाल ही में विश्व बैंक ने वार्षिक प्रकाशन व्यापार सुगमता रिपोर्ट के प्रकाशित करने पर रोक लगा दिया है। विश्व बैंक को कुछ देश द्वारा उपलब्ध कराए गए डाटा में अनियमितता की सूचना प्राप्त हुई है। विश्व बैंक ने प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से बताया कि उनके द्वारा पिछले 5 वर्षों से व्यापार सुगमता रिपोर्ट के लिए उपलब्ध कराए गए संस्थागत डेठा की व्यवस्थित समीक्षा व मूल्यांकन का निर्णय लिया गया है ध्यातव्य है कि भारत में व्यापार को सुगम बनाने के लिए वर्ष 2014 में मेक इन इंडिया पहल की नींव रखी थी वैश्विक महामारी कोविड-19 के बाद भारतीय उद्योग परिसंघ ने भारत के व्यापार परिदृश्य को आसान बनाने के लिए प्रमुख क्षेत्रों में आवश्यक उपायों की पहचान की है ताकि आत्मनिर्भर भारत का निर्माण किया जा सके इस आलेख में व्यापार सुगमता सूचकांक तू चांद के मानक भारत की स्थिति व्यापार सुगमता रिपोर्ट में खामियां चीनी व रूस का उदाहरण तथा व्यापार सुगमता बढ़ाने हेतु भारत के प्रयासों पर विमर्श किया जाएगा विश्व बैंक द्वारा जारी व्यापार सुगमता रिपोर्ट 2020 में भारत 190 देशों में 63 वे स्थान पर है सरकार के निरंतर प्रयासों के परिणाम स्वरूप भारत पिछले 5 वर्षों में वर्ष 2014 :2019 में व्यापार सुगमता सूचकांक में अपनी रैकिंग में 79 पायदान ऊपर उल्लेखनीय सुधार करने में सफल रहा है भारत में व्यापार शुरू करने निर्माण परमिट सीमाओं के पार व्यापार और दिवालियापन का समाधान करने के मानकों में सुधार किया है वैश्विक सूचकांक की मानक प्रक्रिया का स्तरीकरण होना अति आवश्यक है इस समय भारत को आत्ममंथन करने की आवश्यकता है कि आखिर क्यों सोचा की रैकिंग में वृद्धि के बावजूद भारत आधारभूत स्तर का पर निवेश को आकर्षित करने में विनिर्माण क्षेत्र को बढ़ावा देने में विफल रहा है भारतीय अर्थव्यवस्था में विधमान  समस्याओं का संधारणीय समाधान निकाला जाना चाहिए व्यापार सुगमता सूचकांक में भारत की स्थिति में सुधार से न केवल हमार बाहरी निवेश बढ़ेगा अपितु घरेलू उधमो को भी आत्मनिर्भर बनने में मदद मिलेगी।


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