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सचिन पायलट का भाजपा में जाना राजनीतिक आत्महत्या जैसा कदम होगा! ओमवीर आर्य

फ्यूचर लाइन टाईम्स



नोएडा : जन आंदोलन के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमवीर सिंह आर्य ने राजस्थान की वर्तमान परिस्थितियों पर चर्चा करते हुए फ्यूचर लाइन टाइम्स के गोतमबुद्ध नगर के ब्यूरो चीफ मनोज तोमर से कहा कि सचिन पायलट का भाजपा में जाना राजनीतिक आत्महत्या जैसे कदम उठाना है सचिन का परिचय देते हुए सचिन पायलट लेफ्टिनेंट सचिन पायलट (जन्म 7 सितम्बर 1977) एक भारतीय राजनीतिज्ञ तथा वर्तमान राजस्थान सरकार में उपमुख्यमंत्री हैं वे भारत सरकार की पंद्रहवीं लोकसभा के मंत्रीमंडल में संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रहे है। विदेश से शिक्षा ग्रहण करने के बाद भारत लौटने पर सन २००२ में अपने पिता कांग्रेस के वरिष्ठ नेता किसान नेता राजेश पायलट के जन्मदिन १० फरवरी को सचिन कांग्रेस पार्टी में शामिल हुए। इस अवसर पर एक बडे़ किसान सभा का आयोजन भी किया गया। १३ मई २००४ को पायलट चौदहवीं लोकसभा के लिए दौसा सीट से चुने गये जिसमें उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी को १.२ लाख मतों से हराया। २६ साल की उम्र में वे भारतीय सांसद बनने वाले सबसे युवा व्यक्ति थे। पायलट केंद्र सरकार के गृह विभाग के स्टैंडिंग कमिटी के सदस्य एवं नागरिक उड़्डयन मंत्रालय के सलाहकार समिति के सदस्य भी हैं। इतना ही नही जो कार्यकाल सचिन पायलट का रहा है। वर्तमान तक बेदाग छवि एवं कांग्रेस के जुझारू युवा नेता के रूप में कांग्रेस को आगे बढ़ा रहे हैं। वर्तमान परिस्थिति में देखा जाए कांग्रेस में एकमात्र युवा राहुल गांधी के बाद सचिन पायलट का नाम बड़े आदर व सम्मान के साथ लिया जाता है। एक राष्ट्रीय पार्टी में जुड़े रहना और पार्टी में सम्मान प्राप्त करना विशेष उपलब्धि है। वर्तमान में  जो विवाद  राजस्थान के मुख्यमंत्री  अशोक गहलोत के साथ चल रहा है उस कारण से  या अन्य किसी अगर किसी कारणवश सचिन पायलट उप मुख्यमंत्री राजस्थान भाजपा की नाव में सवार होते हैं उस नाव में पहले से ही लगभग 22 प्रदेशों के मुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्री और स्वयं राष्ट्रीय कार्यकारिणी में एक से बढ़कर एक राजनीतिक योद्धा मौजूद है। अगर सचिन पायलट भाजपा में जाते हैं क्या उन्हें वर्तमान में जो कांग्रेस में सम्मान मिला हुआ है क्या वह सम्मान भाजपा में मिल पाएगा ऐसा असंभव सा प्रतीत होता है। अगर पायलट स्वयं धैर्य के साथ कार्य करें विषम परिस्थिति प्रत्येक व्यक्ति को हिलाती है। प्रत्येक उभरते हुए  सितारे के सामने  आती है। लेकिन अपने आप को उन परिस्थितियों से उभारना एक अनुभवी नेता का कार्य है। पायलट की छवि  आमजन में  एक जुझारू  ऊर्जावान  एवं भविष्य  राष्ट्रीय नेता के रूप में बनी हुई है जो हमेशा उचित निर्णय लेते रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी मैं जाने का अगर सचिन पायलट ने यह कदम उठाया तो निश्चित रूप से अपनी राजनीतिक आत्महत्या करने वाला जैसा कदम सिद्ध हो सकता है जो कांग्रेस ने सचिन पायलट को सम्मान दिया है वह कभी भी भाजपा में ग्रहण नहीं कर पाएंगे। बेहतरीन  नाविक  वही होता है जो असंभव विपरीत परिस्थितियों में भी नाव को किनारे लगा दे ना कि बीच में ही नाव से कूदकर  अपनी जान बचाये बाकी और लोगों को नदी में डुबोने के लिए छोड़ दें। निश्चित रूप से  देश के युवाओं को सचिन पायलट की योग्यता समर्पण भाव एवं विद्वता पर पूर्ण विश्वास है आने वाले समय में सचिन पायलट देश की दशा एवं दिशा देने का काम करेंगे और जिनके पीछे युवाओं की फौज खड़ी होगी ऐसे नेता को उचित निर्णय लेते हुए राजनीति में स्थायित्व का परिचय देना चाहिए बाकी उदाहरण अनेकों भरे पड़े हैं संगठन से दूर होकर किसी ने अत्यधिक विकास नहीं किया है केवल पछतावे के सिवा कुछ हाथ नहीं लगता।


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