फ्यूचर लाइन टाईम्स
संवाददाता, अजीत रावत
गाजियाबाद /नोएडा।कहते हैं जब कोई बीमार हो या किसी पीड़ा से ग्रस्त हो तो पहले भगवान का नाम मुंह से निकलता है, फिर डॉक्टर में ही उसे भगवान दिखता है। अगर आपकी मुश्किल के समय एक अच्छा डॉक्टर मिल जाए और प्यार और मानवता की भावना से आपकी देखभाल करे तो उससे ज्यादा कुछ भी अच्छा नहीं।ऐसे ही एक डॉक्टर है नोएडा के रहने वाले डॉक्टर दिलीप।जो बच्चों के डॉक्टर है और ग्रेटर नोएडा के हदौनी स्थित नोवल इंटेसिव मेडिकल मिशन सर्विस अस्पताल(निम्स) में कार्यरत है।बात करे इनके काम की तो इन्होंने अभी कुछ दिन पूर्व ही एक नवजात बच्ची की आंत की सर्जरी करके उसे दूसरा जीवन देने का कार्य किया है।बात करे पूरा मामले कि तो जेवर के रहने वाले सनी कुमार की पत्नी कृष्णा ने चार जून को एक बच्ची को जन्म दिया।महज दो किलोग्राम वजन की बच्ची की आंत पूरी तरह से अविकसित थी।इस बिमारी को ड्योडेनल एट्रोसिया कहते है।यह बीमारी 20 हजार में से किसी एक व्यक्ति होती है।दनकौर स्थित एक निजी अरम्पताल से जच्चा व बच्चा को अन्य अस्पतालों के लिए रेफर कर दिया गया।बच्ची अपने परिजनों के साथ हदौनी स्थित नोवल इंटेसिव मेडिकल मिशन सर्विस अस्पताल(निम्स)पहुंचे।चिकित्सकों ने बच्ची की सफल सर्जरी की।शनिवार को बच्ची को डिस्चार्ज कर दिया गया।अस्पताल का दावा है कि जिले में इस तरह की पहली सर्जरी है।बाल शल्य चिकित्सक डॉक्टर दिलीप ने बताया कि छ्ह जून को बच्ची माता-पिता के साथ निम्स में पहुंची।उस समय वह मात्र दो दिन की थी।बच्ची को भर्ती करा दिया गया और 10 जून तक निगरानी में रखा गया।हालात में सुधार होने पर 11 जून को सर्जरी करने का फैसला लिया गया।सर्जरी करीब चार घंटे तक चली।
इस दौरान आतों को जोड़कर नया रुप दिया गया।सफल सर्जरी के बाद बच्ची को एनआईसीयू में रखा गया।पूरी तरह से स्वस्थ होने पर बच्ची को शानिवार को डिस्चार्ज कर दिया गया।इस सफल सर्जरी के लिए निम्स के संस्थापक डॉक्टर राकेश ठाकुर और डॉक्टर नीरज क़ुमार सिंह ने मेडिकल टीम को बधाई दी।
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