फ्यूचर लाइन टाईम्स..
गौतमबुद्धनगर नोएडा में विधुत वितरण का कार्य करने वाली कंपनी NPCL - नोएडा पावर कंपनी लिमिटेड को उत्तर प्रदेश विधुत विनियामक "आयोग" ने क्षेत्र के निवासियों को मल्टीपॉइंट कनेक्शन डायरेक्ट इलेक्ट्रिसिटी कनेक्शन देने में हो रही देरी को लेकर स्वतः संज्ञान लेते हुए जमकर फटकार लगायी और कंपनी के प्रबंध निदेशक को 7 दिनों भीतर प्रगति रिपोर्ट व स्पष्टीकरण आयोग में दाखिल करने का निर्देश दिया है। बता दें कि मल्टी-स्टोरी बिल्डिंग व ग्रुप हाउसिंग सोसाइटी के निवासियों की बहुप्रतीक्षित मांग का संज्ञान लेते हुए 2 वर्ष पहले उत्तर प्रदेश सरकार ने सम्बंधित क्षेत्र में विधुत वितरण का कार्य करने वाली डिस्कॉम कंपनी (NPCL - नोएडा पावर कंपनी लिमिटेड जोकि ग्रेटर नोएडा क्षेत्र में विधुत वितरण का कार्य करती है) को ऐसी सभी सोसाइटी व बिल्डिंग में सिंगल पॉइंट कनेक्शन के स्थान पर मल्टीपॉइंट डायरेक्ट इलेक्ट्रिसिटी कनेक्शन देने सम्बन्धी दिशा निर्देश दिए थे लेकिन 2 वर्ष बीत जाने के बाद भी इन सोसाइटी के निवासी सिंगल पॉइंट कनेक्शन की बजह से बिजली के अधिक बिल देने के लिए बाध्य हैं। साथ ही बिल्डर द्वारा मनमाने तरीके से अनाप-शनाप बिल और चार्ज की वसूली जारी है जिसमें काफी बार बिजली होने पर भी बैकअप के नाम पर जनरेटर चलाकर 20 से 22 रुपये प्रति यूनिट वसूली और मनमाने रेट व चार्जेज बिल में जोड़कर वसूलना प्रमुख है।उल्लेखनीय है की उत्तर प्रदेश विधुत विनियामक आयोग ने इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई कोड 2005 के एक्ट में 13वां संशोधन करते हुए 10 अगस्त 2018 में यह व्यवस्था की थी कि भविष्य में सभी मल्टी-स्टोरी बिल्डिंग व ग्रुप हाउसिंग सोसाइटी के निवासियों को डायरेक्ट बिजली कनेक्शन प्रदान किया जायेगा और आयोग द्वारा नोटिफिकेशन जारी होने से पूर्व में बन चुकी सोसाइटीयों में डायरेक्ट बिजली कनेक्शन लेने की प्रक्रिया के लिए विस्तृत दिशा निर्देश 17 मई 2019 को जारी कर दिए गए थे जिसके अनुसार सोसाइटी के इच्छुक 51% निवासियों को NPCL द्वारा जारी किये गए प्रारूप में 10 रूपये के स्टाम्प पेपर पर सहमति देना आवश्यक था।इस सन्दर्भ में NPCL ने गत वर्ष अगस्त माह में विज्ञप्ति जारी कर सभी सोसाइटी के निवासियों से डायरेक्ट बिजली कनेक्शन लेने का आवाहन किया था। ग्रेटर नोएडा वेस्ट की काफी सोसाइटी के 51% निवासियों ने अपने सहमति पत्र NPCL में जमा करा दिए थे जिनमे मुख्यतः ऐस सिटी, पंचशील, कासा रोयाल, साया ज़िओन, इको विलेज सहित अन्य काफी सोसाइटी शामिल हैं।ऐस सिटी के निवासी विवेक श्रीवास्तव ने बताया कि उनकी सोसाइटी के 51% से अधिक निवासियों ने अपने सहमति पत्र 6 दिसंबर को ही NPCL कार्यालय में जमा करा दिए थे। सहमति पत्रों की जाँच के बाद NPCL की टीम ने उक्त सभी सोसाइटी में फिजिबिलिटी सर्वे भी दिसम्बर माह में कर लिया था।उसके उपरांत NPCL ने सोसाइटी के इलेक्ट्रिसिटी इंफ्रास्ट्रक्टर में जरूरी बदलाव के लिए डेवलपर अथवा RWA (जहाँ RWA का गठन हो गया हो) को कहा था क्योंकि एक्ट के 13वें संशोधन के क्लॉज़ संख्या 4.9 पार्ट -A (डी) में आयोग द्वारा यह भी स्पष्ट किया है कि सिंगल पॉइंट से मल्टीपॉइंट कनेक्शन के बदलाव कि प्रक्रिया में होने वाला पूरा खर्च बिल्डर/डेवलपर/RWA को उठाना होगा क्योंकि फ्लैट ओनर ने फ्लैट खरीदते समय इंफ्रास्ट्रक्चर पर होने वाले सभी प्रकार के खर्च का पेमेंट पहले ही बिल्डर को कर दिया है। लेकिन निवासियों की ओर से सभी औपचारिकताएं पूर्ण होने के 6 माह से भी अधिक का समय बीत जाने के बाद भी इस प्रक्रिया में कोई प्रगति नहीं हुई है जिस कारण से आयोग ने स्वतः गंभीरता से संज्ञान लेते हुए,17 जुलाई के अपने आदेश में NPCL को इस पर तुरंत कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं तथा इस पर हो रही प्रगति के बारे में आयोग को 7 दिनों के भीतर अवगत कराने का निर्देश दिया है।
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