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किसान, मजदूर व फ़ौज क्या जाति देखकर अपना काम करते है ?

फ्यूचर लाइन टाईम्स 


 



धीरेन्द्र अवाना संवाददाता नोएडा : रघुराज सिंह कांग्रेस के वरिष्ठ नेता देश की वर्तमान परिस्थितियों में जाति व्यवस्था पर चिंतन करते हुए कहा कि  राजनेतिक दल,सभी नोकरशाह, न्यायपालिका,मीडिया व देश के अन्य संस्थानों में सभी जाति धर्म के लोग काम करते है । दुर्भाग्यवश देश मे एक बहस छिड़ी रहती है हर वक्त, हर दल में,हर नोकरी में,मीडिया में,शोशल मीडिया में और रोजमर्रा की चर्चा में । कि ये अगड़ा है,ये पिछड़ा है,ये दलित है,ये अल्पसंख्यक है ,ये फला जाति का है,ये फला धर्म का है,ये इसाई है इत्यादि इत्यादि । में व्यक्तिगत रूप से सभी धर्मो का आदर करता हूँ और किसी जाति विशेष का ना पक्षधर हूँ और ना विरोध में । मेरा सभी उन लोगो से एक आग्रह है जो हर दिन हर समय इस विषय पर चर्चा में मशरूफ रहते है और वैमनस्य फैलाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते है । हिन्दू ,मुस्लिम,सिख ईसाई ,जैन, बौद्ध व अन्य सभी धर्म पद्दति जीवन जीने की शैली है । जिसको जो पसन्द है उसमें हमे एक दूसरे को कटाक्ष ना करके आदर पूर्वक उनका सम्मान करना चाहिये । 


इसमें मेरा एक सुझाव है , राजनीति में,नोकरशाही में,न्यायपालिका में,विधायिका में,मीडिया में, व सभी अन्य संस्थानों में जो व्यक्ति जिसमें जिस पद पर कार्यरत है उसकी जाति और धर्म का खुलासा सार्वजनिक रूप से होना चाहिये । जिससे ये पता च सकेगा कि जरनल,पिछड़ी,दलित,


अल्पसंख्यक,जैन, बोध,सिख आदि के कितने लोग किस किस जगह है किस किस पद पर है । जिससे रोज रोज कि ये आलोचना,रोज रोज की अनर्गल बहस से छुटकारा मिलेगा । डॉक्टर,इंजीनियर,


साइंटिस्ट,कितने क्लर्क,कितने चपरासी और फोर्स सब तरह की जैसे फ़ौज,पुलिस,बॉडर की फोर्स,रिजर्व फोर्स,देश की सरकार के मन्त्रिमण्डल के लोग,राज्यो के मन्त्रिमण्डल के लोग,केंद्र की नोकरशाही,राज्य की नोकरशाही,सुप्रीम कोर्ट,राज्यो की हाईकोर्ट,जिलों की जिला कोर्ट सब जजो की जाति और धर्म सब के सब सार्वजनिक होने चाहिये । जिससे हर व्यक्ति को पता चल जायेगा किस की कितनी संख्या इन अभी संस्थानों में है ।राजनीतिक दल भी जाति पूछ कर या जानकारी करके ही टिकट भी देते है । प्रदेश के राजनीतिक दलों के अध्य्क्ष,सभी पदाधिकारी सभी दलों उन सबकी जानकारी भी जनता के सामने होनी चाहिये । मीडिया के हर प्रिंट मीडिया यानि हर अखबार में चीफ से लेकर रिपोर्टर तक,इक्ट्रॉनिक मीडिया में भी सभी चैनलों में भी सभी की जानकारी जनता को होनी चाहिये । अंत मे पुनः कहना चाहता हूँ हर तबके से लोग है जो कब्जा किये हुऐ है । हर तबके के लोग रोज कमाते है रोज खाते है । जो कब्जा किये लोग है उनका एक नेक्सेस है जिसे तोड़ने पर ही इस चर्चा का अंत हो सकता है । ऐसा मेरा विचार है । मनाने और ना मानने के लिये सब आजाद है उनकी खुद की इच्छा पर निर्भर है कोई किसी धर्म को माने या ना माने !


रघुराज सिंह


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