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बड़े नेता अपने स्वार्थ में पार्टी कार्यकर्ताओं की राजनीतिक हत्या करते रहै है । रघुराज सिंह

फ्यूचर लाइन टाईम्स



 


कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रघुराज सिंह ने वर्तमान राजनीति पर चर्चा करते हुए कहा कि हमेशा पार्टी के वरिष्ठ  पदाधिकारियों द्वारा  पार्टी के कार्यकर्ताओं का शोषण किया जाता रहा है। 


सभी_राजनीतिक_दलों_में_कार्यकर्ताओं_की_हैसियत_क्या ? सच_यही_है_मानो_या_ना_मानो ! खुलकर सामने आओ तभी बात बनेगी वरना क्या हालत है सबको पता है । सच को मानना पड़ेगा और सच पर चलना भी पड़ेगा वरना जो कुछ है वो रिजल्ट आपके सामने है । कितने कॉंग्रेसी है आज भाजपा में व अन्य दलों में है । जिनके लिये लाखो कार्यकर्ताओ ने दिन रात एक कर उन्हें नेता, फिर सांसद, विधायक व अन्य रूप से जिंदाबाद करके आगे बढ़ाया,लेकिन उस दल बदलू ने दूसरे दल में जाने पर पूछा भी नही । उसके बाद मौजूदा सिस्टम ने आपको और आपके वजूद को कुछ समझा नही । जब जरूरत समझी कार्यकर्ताओ कि बली देकर व पार्टी की इज्जत का हवाला देकर उस नेता को फिर उन्ही कार्यकर्ताओ के सिर पर बैठा दिया जाता रहा है । ये बड़े नेता अपने स्वार्थ में कार्यकर्ताओं की राजनीतिक हत्या करते है । कार्यकर्ता फिर उनकी या किसी दूसरे कि जिंदाबाद बोलने लगते है, इस तरह कार्यकर्ता पूरे जीवन गुलाम ही रहता है । सिद्धान्त भी कार्यकर्ता के लिये,ईमानदारी भी कार्यकर्ता के लिये,रात दिन नेता के लिये लड़े भी कार्यकर्ता, दरी बिछाने से लेकर सड़क किनारे खड़े होकर गर्मी हो या सर्दी या फिर बरसात नेता कि जिंदाबाद बोलने के अलावा उसकी हैसियत नही । राजनीति सेवा भाव के लिये होती है वही हमने भी सीखी थी अपने राजनीतिक गुरुओं से ,लेकिन बदकिस्मती से अब वो राजनीति भी खत्म और वो राजनेता भी नही बचे । वादा कर मुकरने की जो आजकल परवर्ती है उससे किसी का भला नही होगा । अगर देश मे राजनीति और ईमानदार राजनीति के अलावा कार्यकर्ताओ को सम्मान नही मिलेगा तो हर दल में चंद लोग ही राज करते रहेंगे और कार्यकर्ता गुलाम ही रहेंगे । सभी राजनीतिक दलों का आंकलन करो तो पाओगे हर दल में वही स्थिति पाओगे । अभी हाल ही में इसका ताजा उदाहरण है मध्यप्रदेश । सत्ता के लिये बड़े से बड़े लोगो की राजनीतिक हत्या की गई और मतलब के लिये जिनका पूरे जीवन सैद्धान्तिक रूप से विरोध किया उन्ही को सर पर बैठाया यही है आजकल की राजनीति । कल जो कुछ मेने लिखा वो व्यक्तिगत अनुभव के आधार पर लिखा और आज भी जो दिख रहा है तथा मेरा व्यक्तिगत अनुभव भी यही है । आगे बहुत उदाहरण है देने के लिये । समय का इन्जार कीजिये बहुत तमाशे बाज है जो दिखते है वो है नही और जो नही है वो दिखाने का प्रयास करते है ऐसो कि लम्बी फेहरिस्त है । रघुराज सिंह


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