फ्यूचर लाइन टाईम्स
ग्रेटर नोएडा : जिला एवं सत्र न्यायालय गौतम बुध नगर के अधिवक्ता ओमवीर आर्य एडवोकेट ने जिला न्यायालय में चल रही व्यवस्था पर विचार रखते हुए कहा कि सी जे एम गौतम बुद्ध नगर न्यायालय में कार्यरत कोर्ट मोहर्रिर की म्रत्यु का दुखद समाचार मिला।भगवान उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें।मगर इसी के साथ कोर्ट परिसर में अंदर आने से पहले होने वाली जांच संदेह के घेरे में है।अगर कोर्ट मौहरिर्र कोरोना पोजेटिव थे तो उनके एंट्री कैसे होती थी? या जो ये जांच के नाम पर खानापूर्ति की जा रही है वो सिर्फ दिखावा मात्र है।अधिकारी अपने कमरे से निकलते नही हैं और वकील कोर्ट में जाकर सुनवाई करवाते है। क्या वीडियो कोनफ्रेन्सिंग से सुनवाई वकील के चैंबर से नही होनी चाहिए? क्या अधिकारियों को सुरक्षा की आवश्यकता है? अधिवक्ता की कोई सुरक्षा की आवश्यकता नहीं है अधिवक्ता की भी उतनी ही सुरक्षा की आवश्यकता है जितनी अधिकारियों की क्योंकि अधिवक्ता भी कोर्ट में ऑफिसर है। बगैर अधिवक्ता की उपस्थिति में न्याय की अपेक्षा करना मूर्खता होगी। बार और बेंच से ही न्यायालय पूर्ण होता है जिसमें किसी एक की अपेक्षा हानिकारक हो सकती है लेकिन गौतम बुध नगर की स्थिति दयनीय है जिस पर सम्मानित अधिवक्ताओं को विचार करना चाहिए।
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