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निहत्थे भारतीय सैनिको पर कायराना हमले की आजाद समाज पार्टी ने की कडी निन्दा


फ्यूचर लाइन टाईम्स 



नई दिल्ली - लेह की गलवान घाटी में चीन की सेना द्वारा निहत्थे भारतीय सैनिको पर कायराना हमले की आजाद समाज पार्टी ने कडी निन्दा करते हुए शहीदों को श्रधान्जली अर्पित की है। पार्टी अध्यक्ष चन्द्रशेखर आजाद ने चीन की नापाक हरकतों पर आक्रामकता दिखाते हुए केंद्र सरकार से चीन से व्यापारिक रिश्ते खत्म करने की अपील की है। उन्होने भारत की संप्रभुता और अखंडता को सर्वोपरि बताते हुए कहा है कि भारत को चीन से सर्वाधिक खतरा है,उन्होने कहा कि चीन शातिर देश है। भारत में हुनर मन्द कारीगर हैं, उसके बावजूद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सरदार पटेल साहब और शिवा महाराज की मुर्ति चीन से बनवाई। खैर जो पीछे व्यापार हुआ वो हुआ अब भारतीयों की जन भावनाओ को ध्यान में रखते हुए सरकार को चीन से व्यापार नही करना चाहिये और सभी चीनी समान की खरीद पर तत्काल प्रभाव से रोक लगानी चाहिये।खासकर हमले से एन पहले 12 जून 2020 को महत्वाकांक्षी रेपिड रेल परियोजना का ठेका चीनी कम्पनी सन्घाई टनल इंजीनियरिंग कम्पनी को देने पर चन्द्रशेखर ने आपत्ति व्यक्त करते हुए इस 1126 करोड के ठेके को रद्द करने की मांग की है। उन्होने कहा कि दिल्ली मेरठ रेपिड रेल कॉरिडोर के ठेके को बिना भारत सरकार की सहमति के दिया जाना सम्भव नही है। आजाद ने चीनी हमले को 48 घन्टे तक छिपाये रखने का भी सरकार पर आरोप लगाते हुए शहीद भारतीय सैनिकों के प्रति मोदी सरकार का सवंदेन हीन होना बताया है। उन्होने तल्ख लहजे में कहा कि यदि मोदी सरकार ने रेल कॉरिडोर का चीनी कम्पनी का ठेका निरस्त नही किया तो ये भारत के शहीद सैनिको का अपमान होगा और वे खुद चीनी कम्पनी सन्घाई टनंल इंजीनियरीग कम्पनी के भारत में स्थित ऑफ़िस का घेराव करेँगे और चीनी कम्पनी को काम नही करने देंगे। आसपा प्रमुख ने भारत सरकार से शहीद सैनिको के परिवार को राष्ट्रीय सम्मान और आर्थिक मदद की मांग भी की है, चन्द्रशेखर ने शहीदो के आश्रितों को एक करोड रुपये मुआवजे, शहीदों के गाव में शहीद स्मृति द्वार बनवाने और प्रत्येक शहीद परिवार के सद्स्य को सरकारी नौकरी देने की मांग भी की है। उन्होने पुल्वामा आतंकी हमले के शहीदो व उनके परिजनो की अनदेखी करने का आरोप लगाते हुए कहा है कि पुल्वामा के शहीदो को आज तक ना तो शहीद का दर्जा दिया और ना उनके आश्रित परिवारों की आर्थिक मदद ही की।


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