नोएडा। जनपद गाजियाबाद के खोड़ा कॉलोनी निवासी एक गर्भवती महिला की मौत पर जिलाधिकारी गौतमबुद्ध नगर द्वारा दिए गए जांच आदेश पर अपर जिलाधिकारी ( वि.रा ) एवं मुख्य अधिकारी गौतमबुद्ध नगर ने अपनी जांच आख्या रिपोर्ट सौंप दी है।जांच आख्या में स्पष्ट किया गया है कि ईएसआईसी अस्पताल सेक्टर 24 नोएडा में सारी सुविधाएं उपलब्ध होने के बावजूद मरीज को संदिग्ध मानकर उपचार नहीं किया गया। इसी तरह ग्रेटर नोएडा के जिम्स हॉस्पिटल व जिला अस्पताल सेक्टर 30 नोएडा का मामला भी कुछ ऐसा ही था। जिला अस्पताल के कर्मचारी, अधिकारी के द्वारा रिसीव करवाने में अस्पताल के निदेशक एवं उपचार व रेफर करने वाले चिकित्सक, एंबुलेंस के चालक को उत्तरदाई माना गया है । उत्तरदाई अधिकारी एवं कर्मचारियों के विरुद्ध कार्यवाही करने हेतु सचिव, उत्तर प्रदेश शासन एवं जीवन बीमा निगम लखनऊ को पत्र के माध्यम से अनुरोध किया गया है।इस प्रकरण में गंभीरता को दरकिनार कर लापरवाही बरती गई जिसके कारण गर्भवती मरीज की इधर-उधर आने-जाने के कारण एंबुलेंस में दर्दनाक मौत हो गई। एक साथ मां और पेट में पल रहे बच्चे की मौत की खबर से गौतमबुद्ध नगर में हड़कंप मच गया था और मीडिया के माध्यम से तीखी भर्त्सना भी की गई थी। मानवीय संवेदना का ऐसा प्रकरण नोएडा में भय उत्पन्न कर दिया था। जिला अस्पताल सेक्टर 30 नोएडा में श्रीमती रोज बाला स्टाफ नर्स एवं अनीता आया के विरुद्ध कार्रवाई करने एवं मुख्य चिकित्सा अधीक्षक के पद पर तैनात डॉ वंदना शर्मा का स्थानांतरण करने की बात कही गई है। उनकी जगह नए मुख्य चिकित्सा अधिकारी की तैनाती करने की मांग प्रमुख सचिव, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग उत्तर प्रदेश से की गई है।जांच रिपोर्ट में स्पष्ट कहा गया है कि जनपद के निजी चिकित्सालय में मरीज के परिजनों का संपर्क करने के बावजूद बहाना बनाकर मामले को टरकाया गया और मरीज को वापस किया गया जिससे एंबुलेंस में मरीज की मौत हो गई। जांच में लापरवाही बरतने का भी यहां दोषी करार दिया गया है। निजी अस्पतालों को कारण बताओ नोटिस जारी करने की अनुशंसा भी की गई है। साथ ही रिपोर्ट दर्ज करने की बात भी कही गई है। जिम्स के द्वारा मरीज को वापस कर दोबारा भर्ती करने का दोषी करार दिया गया है। साथ ही गाजियाबाद के निजी चिकित्सालय को भी दोषी माना गया है।DM सुहास एल वाई ने दोषियों के ख़िलाफ़ लिया एक्शन
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