फ्यूचर लाइन टाईम्स.. धीरेंद्र अवाना
ग्रेटर नोएडा।अब जिले में केवल कोरोना संक्रमण के गंभीर लक्षण वाले मरीजों को सरकारी केंद्रों में क्वारंटीन किया जाएगा। वहीं, मरीज के सामान्य और बिना लक्षण वाले परिजनों को होम क्वारंटीन रहना होगा।जिला प्रशासन के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग ने यह बदलाव किया है।जिले में कोरोना संक्रमित मरीजों की एक हजार से अधिक हो चुकी है। ऐसे में जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग भविष्य की योजना पर काम कर रहा है। गंभीर मरीजों को किसी प्रकार की समस्या का सामना नहीं करना पड़े, इसलिए यह बदलाव किया गया है। इसके तहत बिना संदिग्ध लोगों को घर में ही क्वारंटीन रहने की छूट मिल गई है। ऐसे लोग भी अपने घरों पर क्वारंटीन रह सकते हैं, जिनमें कम लक्षण हैं। बता दें कि अभी तक ग्रेटर नोएडा स्थित गलगोटिया विवि के क्वारंटीन केंद्र में केवल संदिग्ध लोगों को ही रखा जाता था। इस बदलाव के बाद अब यहां केवल चार ही लोग बचे हैं। जबकि अप्रैल और मई में यहां करीब तीन से चार सौ संदिग्ध लोग क्वारंटीन थे। इसके साथ ही परी चौक के पास नॉलेज पार्क स्थित गलगोटिया कॉलेज के क्वारंटीन केंद्र में 33 मरीज क्वारंटीन हैं। यहां कोरोना लक्षण वाले मरीज भर्ती किए जा रहे हैं।
यहां हैं क्वारंटीन केंद्रजिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की ओर से नॉलेज पार्क स्थित गलगोटिया कॉलेज और गलगोटिया विवि को क्वारंटीन केंद्र बनाया गया था। इसके अलावा निजी सुविधाओं वाले क्वारंटीन केंद्र भी बनाए गए हैं। इनमें होटल ऑरेंज पाई, स्टेलर जिमखाना आदि शामिल हैं। हालांकि, अब यहां भी नाम मात्र लोग क्वारंटीन हैं।जिले के जिम्स, शारदा और जेपी अस्पताल समेत पांच प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में कोरोना संक्रमण की जांच की जा रही है। यहां आने वाले लोगों के सैंपल लेकर घर भेजा जा रहा है। सिर्फ गंभीर मरीजों को ही रोका जा रहा है।वही एसीएमओ डॉ. सुनील दोहरे ने बताया कि संक्रमित मरीजों के उन परिजनों को अब क्वारंटीन नहीं किया जा रहा है, जिनमें लक्षण नहीं हैं।ऐसे लोग घर पर ही क्वारंटीन रह सकते हैं, लेकिन इन पर निगरानी रखी जाएगी। जिनमें संक्रमण के लक्षण हैं,उन्हें केंद्रों पर क्वारंटीन किया जा रहा है।
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