फ्यूचर लाइन टाईम्स
नोएडा : कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रघुराज सिंह ने देश की वर्तमान परिस्थितियों पर अपने विचार रखते हुए कहा कि देश के प्रधानमंत्री व दिल्ली के मुख्यमंत्री सबसे कहते है कि राजनीति मत करिये कोरोना पर । स्वंम ही कहते है कि सबसे ज्यादा अगर प्रभावित है तो वो है गरीब । दूसरी तरफ देश के गृहमन्त्री बिहार चुनाव की तैयारी में लग गये भाड़ में जाये देश और जनता ,एक लाख लोगों की रैली करनी है । मेरा मानना है ये सब लोग निकृष्टता की सीमा को लांघ कर उससे भी नीचे गिर गये है । झूठ तो ऐसे बोलते है सारे की झूठ भी अपने आप मे शर्मा जाये । रोज रोज तमाशा कर जनता को ठगने का काम करते है । एक दिन हरियाणा बॉडर बन्द करेगा,एक दिन यूपी बॉडर बन्द करेगा,दूसरे दिन ये खोलेंगे तो दिल्ली केजरीवाल बन्द करेगे । फिर हरियाणे के ग्रह मंत्री बोलते है कि हम तो जो केंद्र कहेगा वो ही करेगे । मुझे लगता बन्दरो को भेली मिल गई ऐसा प्रतीत हो रहा है शासन कैसे करे पता तो है नही बस जनता को मूर्ख बनाते रहो !
550 मरीजो से लॉकडाउन शरू हुआ अब कंडीशनल होते हुऐ 2 लाख को पार कर रहा है । ये गिनती भी तब है जब टेस्ट पूरे नही,हस्पताल में बेड पूरे नही । क्या बदकिस्मती है देश की 135 करोड़ की जनता में लाख मरीज के इलाज की व्यवस्था नही देश मे । इसके लिये पूरा राजनैतिक सिस्टम,राजनेता,नोकरशाह सीधे तौर पर जबाब देह है ! अमरीका में क्या हाल है वो तो विकसित देश है हम कहाँ ठरते विकसित देशों के सामने !
मेरा सभी दलों के तथाकथित नेताओ,देश के नोकरशाहो और मीडिया के लोगो से आग्रह है झूठ बोलना व झूठ परोसना बन्द कीजिये,देश को और देश के भविष्य की पीढ़ियों को बर्बाद मत करिये । वरना जनता इन सबसे नफरत करने पर उतारू हो गई तो अंजाम की कल्पना कोई नही कर सकता!
लोगो को अपने घरों में जाने दे,उद्योगपतियों के चक्कर मे श्रमिको को भुखमरी के कगार पर ना खड़ा करे ?
देश को पुनः एक बार फिर कृषि प्रधान देश बनाने के लिये आगे आये,ये ही एक तरीका है ऐसी महामारी और भुखमरी से बचने का !मिस्टर केजरीवाल को आज सुना कि राजनीति ना करे अरे सबसे ज्यादा झूठे व्यक्ति आप क्या सोचकर धरना मास्टर बने,फिर कहां से कहां पहुँचे, किस किस को धोखा दिया,हिसार से गाजियाबाद फिर दिल्ली अब जनता को रोककर क्या सिद्ध करना चाहते हो,सारी सरकारे सबकुछ खोल रही है और सीमाएं सील कर रही है क्यो बेवकूफ बना रहे हो खुद ही कन्फ्यूज हो। स्वम ही तय नही कर पा रहे हो कि करना क्या है । कोरनटाइन मे क्या जनता को मिल रहा है पूरा देश जान चुका है ,इलाज नही,जांच नही,आंकड़े झूठे कम से कम मानवता से तो मत खेलिये । राजनैतिक लोगो और नोकरशाहो के कुकर्मो को देखकर ,सुनकर नफरत सी होती जा रही है ! मन बहुत ही व्यथित है,दुखी है सिर्फ और सिर्फ झूठ ,बगैर सिर पैर की बाते, झूठे प्रचार और कुछ नही !
जनता से भी आग्रह है हाथ जोड़ कर अब तो कमसे कम मूर्ख तो बन गये मगर आगे धूर्त तो मत बनिये वरना आने वाली पीढियां आपको और हमे बख्शेगी नही !
मेरा मत है कोई मेरे इस लेख से सहमत हो या ना हो उसकी मर्जी ?
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