फ्यूचर लाइन टाईम्स
धीरेन्द्र अवाना संवाददाता
नोएडा/दिल्ली : गीता गिरी दिल्ली के बुराड़ी में रहती है और पिछले छः महीने से उनके खाते में पेन्शन नहीं आ रही है ।गीता जी के पति का देहांत एक रोड ऐक्सिडेंट में तेज रफ़्तार के अनियंत्रित ट्रक से 2009 में हुआ था और उनके ऊपर उनकी बहु और उनके दो बच्चों की भी ज़िम्मेदारी है। बेटे की मृत्यु भी 2007 में हो गयी थी। तब से घर की ज़िम्मेदारी गीता जी के हाथों में ही । पेन्शन बहुत कम मिलती है उसी से घर का खर्च चलता है, लेकिन अब छ महीने से ज़्यादा हो गए है उनकी पेन्शन पूरी तरह से बंद है। लाक्डाउन की स्थिति में पूरा परिवार बहुत समस्या से जूझ रहा है और खाने पीने की दिक़्क़त हो रही है। बहु पार्लर का छोटा मोटा काम करती थी लेकिन लॉक डाउन से वो काम भी बंद है ।
साठ वर्षीय गीता गिरी बैंक के चक्कर लगा लगा कर थक चुकी है अंत में उन्होंने नेफोमा टीम के माध्यम से अरविंद केजरीवाल से गुहार लगायी है , उन्होंने रश्मि पांडेय महासचिव नेफोमा को बताया कि पेन्शन उनका सम्मान है उनका आत्म विश्वाश है उसे वापिस दिलाया जाए।नेफोमा टीम ऐसे हर घर की आवाज़ बनेगी जिसको न्याय नहीं मिल पा रहा है।
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