फ्यूचर लाइन टाईम्स..
नोएडा : उत्तर प्रदेश के शो विंडो कहे जाने वाले शहर नोएडा जो प्रदेश की आर्थिक राजधानी भी कहलाता है और यही शहर नोएडा प्रदेश को सर्वाधिक राजस्व देता है।शहर के स्कूलों के फरमान नोटिसो को देखकर लगता हैं कि कोरोना नाम का वायरस शायद इस शहर मे है ही नहीं और यहाँ कोई लॉक-डाउन भी नही लगा है।सभी अभिभावक पहले से अच्छा कमा रहे हैं। तभी स्कूल अपनी वेबसाइट/पोर्टल/नोटिस-बोर्ड/ई.आर.पी.मोबाइल एप आदि पर सभी तरह की फीस लिखकर अभिभावकों से फीस के नाम पर उनकी खून पसीने की मेहनत कमाई को लूटना चाहते है।ऐसा करके ये नामी स्कूल प्रदेश सरकार के उन आदेशों को ढ़ेगा दिखा रहे है जिसमें सरकार ने लॉक डाउन के दौरान अभिभावकों से फीस के लिए दवाब ना बनाने का जिक्र किया है।आपको बता दे कि सैक्टर 50 स्थित कोठारी इंटरनेशनल स्कूल की वेबसाइट/पोर्टल पर यदि आप चेक करेंगे तो उस पर आपको कंपोजिट फीस के साथ साथ बस फीस और डे बोर्डिंग चार्जेस भी लगे हुए हैं।बस फीस और डे बोर्डिंग चार्जेस दोनों ऑपशनल फीस Optional fees है। जिसकी वजह से अभिभावक भ्रमित भी हो रहे है और मानसिक रूप से तनाव ग्रसित भी।उनका कहना है कि अभिभावक न तो स्कूल बसों को इस्तेमाल कर रहे हैं और ना ही उनके बच्चे डे बोर्डिंग के लिए स्कूल जा रहे है। फिर ये चार्जेस क्यो दिखा रहा है स्कूल।क्या उo प्रo सरकार ने परिवहन शुल्क और कंपोजिट फीस के अतिरिक्त किसी अन्य मद में फीस लेने पर कोई आदेश जारी नही किया ?? या फिर स्कूल शासन प्रशासन के आदेशों को मानने के लिए बाध्य नहीं है। जिससे भ्रमित हो कर अभिभावक बस फीस और डे बोर्डिंग चार्जेस भी स्कूल को दे रहे हैं।दूसरा स्कूल सैक्टर 56 स्थित उत्तराखंड पब्लिक स्कूल है। स्कूल ने डी.एफ.आर.सी. के निर्देशानुसार फरवरी में कक्षा एक की फीस आगामी सत्र के लिए मासिक ट्यूशन फीस ₹ 2400 रुपए रखी थी। लेकिन लॉक-डाउन की अवधि में उसी सत्र के लिए 18 एप्रिल को स्कूल ने कक्षा एक की फीस ₹ 2400 से ₹ 2615 यह कहकर बढ़ा दी कि फीस डी.एफ.आर.सी. के निर्देशानुसार बढ़ायी गयी है। यदि किसी कारणवश डी.एफ.आर.सी. की अनुमति स्कूल को मिल गयी तो क्या नैतिकता एवं मानवता के आधार पर डी.एफ.आर.सी. या स्कूल को ऐसे समय मे जब अभिभावकों के पास लॉक-डाउन की अवधि मे फीस बढ़ाना आव्यशक था जब किसी भी के पास रोजगार या व्यापार आदि करने की कोई व्यवस्था ना हो।अभिभावक वैसी ही लॉक-डाउन के कारण अत्यधिक मानसिक दवाब में है ऊपर से स्कूल उनको परेशान कर रहे है।आल नोएडा स्कूल पैरेंट्स एसोसिशन के सचिव मनोज कटारिया का कहना है कि हम इन स्कूलों की शिकायत शासन-प्रशासन से करेगा और इनके विरुद्ध कड़ी कार्यवाही के लिए सिफारिश करेमें।ताकि आज के दौर की विश्व की सबसे भयावह,मानसिक, तनावपूर्ण और बिगड़ती आर्थिक स्थिति को देखते हुए स्कूलों की फीस की नाज़ायज़ वसूली ना हो।
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