नोएडा।प्रदेश सरकार इस कोरोना माहमारी में गरीबों की भूख मिटाने का प्रत्यन कर रही है।जिसको देखते हुये प्रधानमंत्री गरीब अन्न योजना के तहत गरीबों को राशन दे रही है वही दूसरी जिले के कुछ राशन डीलर गरीबों के राशन की कालाबाजरी करने में लगे हुये है।लेकिन सवाल ये उठता है कि ये डीलर अपने आप ही सारे कार्य को अंजाम देते है या इनके कोइ साथ भी देता है।लेकिन इन सबसे के बावजूद विभाग क्यों हाथ पर हाथ धरे बैठा है।आपको बता दे कि ताजा मामला जेवर के साबौता गांव का है।यहा राशन डीलर को मौके से कालाबाजरी करते हुये तहसीलदार ने पकड़ा।आपको बताते चले कि जेवर के साबौता गांव के ग्रामीणों ने मंगलवार को एक दुकानदार पर सरकारी राशन की खरीद फरोख्त कर कालाबाजरी करने का आरोप लगाते हुये दुकानदार को द्वारा ट्रक में लादे जा रहे सरकारी राशन की दुकान का विडियों बनाकर सोशल मीड़िया पर वाइरल किया।क्षेत्र में सरकारी राशन की कालाबाजरी की शिकायत मिलते ही जेवर के तहसीलदार ने मंगलवार को मौके पर पहुच कर एक ट्रक को पकड़ा जिसमें करीब सात टन सरकारी राशन लदा हुया था।जिसको आपूर्ति विभाग के सुपुर्द कर दिया।तहसीलदार दुर्गेश सिंह ने बताया कि क्षेत्र के ग्रामीण जेवर के साबौता राशन डीलर के खिलाफ काफी समय से सरकारी राशन की काला बाजरी करने के आरोप लगा रहे थे।ग्रामीणों की शिकायत से परेशान राशन डीलरों ने सोमवार को उल्टे ग्रामीणों पर हफ्ता वसूली का आरोप लगाया था।इसके दो हफ्ते पहले जेवर मंडल उपाध्यक्ष प्रिंस भारद्वाज ने आपूर्ति विभाग व राशन डिलरों की मिलीभगत से क्षेत्र में बड़े पैमाने पर राशन कार्डों में फर्जी तरीके से युनिट बढ़ाकर सरकार को चूना लगाने की शिकायत की थी।जिसकी जिला स्तर पर जांच चल रही थी।ग्रामीणों का आरोप है कि उक्त दुकानदार द्वारा क्षेत्र में स्थित राशन डीलरों व आपूर्ति विभाग के अधिकारियों से सांठगाठ कर बड़े पैमाने पर सरकारी राशन की कालाबाजरी की जाती है।आपको बता दे कि दो वर्ष पूर्व भी सरकारी राशन की कालाबाजरी का आरोप लगा था।लेकिन अपनी पहुंच के चलते डीलर ने मामला को रफा दफा करवा दिया।उपजिलाधिकारी गुणा सिंह का कहना है कि ग्रामीणों की शिकायत पर मंगलवार को साबौता गांव से सरकारी राशन से लदे एक ट्रक को तहसीलदार द्वारा कब्जे में लिया गया।जबकि दुकान को सील कर दिया है।मामले की जांच चल रही है।जांच के बाद दोषियों के खिलाफ की कारवाई होगी।
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