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प्रदेश सरकार के आदेशों की धज्जिया उड़ाते नोएडा के नामी स्कूल

   फ्यूचर लाइन टाईम्स.(धीरेन्द्र अवाना)                                                                                                           नोएडा।कोरोना के बढ़ते प्रभाव को देखते हुये पूरे देश में लॉक डाउन घोषित कर रखा है।लॉक डाउन में बच्चों की पढ़ाई प्रभावित ना हो इसको ध्यान में रखते हुये प्रदेश सरकार ने सभी स्कूलों को आदेश दिया है कि फीस के लिए आभिभावकों पर दबाब ना बनाया जाये।लेकिन फिर भी नोएडा के नामी स्कूल सरकार के आदेशों को ना मानकर अपने को सरकार से बड़ा दिखाने का प्रयत्न कर रहे है।नोएडा के नामी स्कूल सरकार के उस आदेश को ढ़ेगा दिखा रहे है जिसमें साफ लिखा है कि लॉक-डाउन अवधि/विद्यालय बंद रहने तक छात्र-छात्राओ से परिवहन शुल्क नही लिया जायेगा।नोएडा के दो नामी स्कूल इसे ना मानकर फीस व परिवहन शुल्क के लिए अभिभावकों पर निरंतर दवाब बनाकर सर्कुलर जारी कर रहे है।बात करे पहले  स्कूल की तो वह है सैक्टर 50 स्थित रामज्ञा स्कूल।जिसने अपने स्कूल के एप्प पर फीस का पूरा विवरण दिया है।जो इस प्रकार है


अनुअल चार्ज (₹16,900), क्वाटरली ट्यूशन फीस (₹ 8200 कक्षा छ से कक्षा आठ तक) तथा बस फीस कवाटरली नोएडा के लिए(₹ 2100)।परिवहन ना इस्तेमाल करने पर भी बच्चों के परिवहन शुल्क देने के लिए बाध्य करा जा रहा है।स्कूल को चाहे कि वह परिवहन शुल्क(बस फीस) अपने एप्प से हटा ले और प्रदेश सरकार के आदेश की प्रति अपने स्कूल के एप्प पर लगाये परन्तु ऐसा ना करके स्कूल अभिभावकों को गुमराह करके बस फीस का सर्कुलर डाल रहा है।वही दूसरे स्कूल की बात करे तो वो है  नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे पर स्थित लोटस वेली इंटरनेशनल स्कूल।लॉक डाउन की इस विषम स्थिति में भी स्कूल की फीस देखकर आपको हैरान कर सकती है।जिसका विवरण कुछ ३स प्रकार है।इनकी कंपोजिट फफीस₹ 41,310 (कवाटरली) है जिसमे इनकी इंफ्रास्ट्रक्चर फीस भी सम्मलित है और परिवहन शुल्क (बस फीस)  ₹ 12,300 है जो कि स्कूल के पोर्टल पर अभी भी अपलोड है।इस सम्बंध में जब जिला विघालय निरीक्षक नीरज पांडे से बात की तो उन्होंनें कहा कि गलती से सर्कुलर जारी हो गया था उसमें संशोधन हो गया है।अब आप ही बताये कि जब विभाग ही गंभीर नही है तो ऐसे स्कूलों पर लगाम कौन लगायेगा।वही आल नोएडा स्कूल पैरेंट्स एसोसिशन के सचिव मनोज कटारिया ने बताया कि स्कूलों को अपनी पोर्टल से बस फीस को हटा देना चाहिए।क्योंकि इससे अभिभावकों के लिए असंमजस की स्थिति पैदा उत्पन्न हो सकती है।


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