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प्राधिकरण के अधिकारी कर रहे किसानों को गुमराह-  श्याम सिंह भाटी

फ्यूचर लाइन टाईम्स 



धीरेन्द्र अवाना  
ग्रेटर नोएडा - भारतीय किसान यूनियन अंबावता के  मेरठ मंडल उपाध्यक्ष  श्याम सिंह भाटी ने ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण की किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ काफी लंबे समय से आंदोलन कर रहे हैं किसानों के हित में तत्कालीन सरकारों द्वारा नीति बनाकर किसानों की आबादी छोड़ने व अधिग्रहण  की गई भूमि के बदले मिलने वाले 10 प्रतिशत प्लॉट देने के पक्ष में निर्णय ले गए थे इस संबंध में हाई कोर्ट व सुप्रीम कोर्ट के द्वारा भी किसानों के हित में 10 प्रतिशत के प्लॉट वह 64 7. प्रतिकर  देने के आदेश पारित किए जा चुके हैं तथा समता के मौलिक अधिकार अनुच्छेद 14 के तहत प्राधिकरण किसानों को 10 प्रतिशत प्लॉट व 64. 7  प्रतिशत प्रतिकर मुआवजा देने की मंशा जाहिर कर चुका है किंतु सरकार बदलने के बाद प्राधिकरण के अधिकारियों की नीति किसान विरोधी हो गई और कुछ लोगों द्वारा प्राधिकरण के तत्कालीन अधिकारियों से मिलकर फर्जी तथ्यों के आधार पर  विरोध दर्ज कराया जिसके आधार पर  तत्कालीन चेयरमैन प्रभात कुमार ने एसआईटी की जांच करने के आदेश पारित किए जो पूर्ण रूप से किसान विरोधी व जनविरोधी है क्योंकि पूर्व की  बसपा सरकार द्वारा किसानों की जमीनों को  छीन कर बिल्डरों को दे दिया था उस प्रकरण की जांच तो वर्तमान सरकार द्वारा कराई नहीं जा रही उल्टे उन किसानों की आबादियों की जांच कराई जा रही है जिनकी जमीन पर शहर भर चुका है जांच के नाम पर के सभी किसानों के आबादी के पूर्व में निस्तारित आबादी के लगभग 2000 से अधिक  मामले जो बोर्ड बैठक में पारित होने के बावजूद भी  बैकलीज नहीं की गई  और एक बार फिर दोबारा प्राधिकरण के अधिकारियों ने किसानों को गुमराह करने के लिए कुछ महीने पहले किसान मुख्यमंत्री से अपनी समस्याओं को लेकर गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय में मिले थे उसी वार्ता का हवाला देते हुए प्राधिकरण के  अधिकारियों द्वारा किसानों को साधने का प्रयास किया जा रहा है जोकि पूरी तरह से फर्जी है प्राधिकरण के अधिकारी किसी भी कीमत पर किसानों को उनका हक नहीं देना चाहते हैं यदि प्राधिकरण के द्वारा एसआईटी की जांच समाप्त कर पूर्व निस्तारित आबादी तथा बोर्ड बैठक से पास आबादी की बेकलीज नहीं की गई तथा शेष बचे किसानों के मामले निस्तारित नहीं किए गए तथा किसानों के समानता के मौलिक अधिकार अनुच्छेद 14 के तहत  किसानों को अधिग्रहित भूमि के सापेक्ष में 10 प्रतिशत प्लॉट व 64.7 प्रतिकर नहीं दिया गया तो किसान बड़ा आंदोलन करने को मजबूर होंगे।


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