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नोएडा के दीपांशी अस्पताल ने किया मानवता को शर्मसार !

फ्यूचर लाइन टाईम्स 



धीरेन्द्र अवाना
नोएडा : एक तरह तो देश में डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ कोरोना जैसी महामारी में लोगों की जान बचाकर अपना धर्म निभा रहे है।वही दूसरी ओर कुछ ऐसे डॉक्टर है जो पैसे के लालच में अपने पेशे को बदनाम को बदनाम कर रहे है।लेकिन जिले में मानवता को शर्मसार करने वाले निजी अस्पतालों के कई मामले आने के बाद भी उनपर कारवाई ना होना चिंता का विषय है।बात करे नोएडा की तो यहा पर स्थित दीपांशी अस्पताल ने तो दरिंदगी की हद पार करते हुये एक व्यक्ति के शव को सड़क पर फेंक दिया।पुलिस ने अस्पताल के प्रबंधकों के खिलाफ लापरवाही से मौत का मामला दर्ज किया गया है।
आपको बता दे कि नोएडा के सैक्टर 33 में स्थित दीपांशी अस्पताल में एक 35 वर्ष के व्यक्ति का इलाज चल रहा था।इलाज के दौरान मौत होने पर अस्पताल ने उस व्यक्ति को कोरोना का मरीज समझ कर शव को सड़क पर फेंक दिया।अस्पताल प्रबंधकों ने पुलिस और विभाग को भी इसकी जानकारी देना उचित नही समझा।लोगों ने पुलिस को लावारिस शव के बारे में जानकारी दी।जानकारी मिलते ही पुलिस ने शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।पुलिस उपायुक्त (जोन प्रथम) संकल्प शर्मा ने बताया कि थाना सैक्टर 24 क्षेत्र के सैक्टर- 33 के एक अस्पताल में कल शाम को एक व्यक्ति उपचार कराने गया था।वह सिक्योरिटी गार्ड की वर्दी में था।अस्पताल में उपचार के दौरान उक्त व्यक्ति की मौत हो गई।अस्पताल प्रबंधकों ने मानवता को शर्मसार करते हुए शव को अस्पताल के गेट के बाहर रख दिया।जिसकी सूचना गौतमबुद्ध नगर के जिलाधिकारी सुहास एल वाई को मिली।उन्होंने गौतमबुद्ध नगर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी दीपक ओहरी को मामले की जांच के लिए भेजा।सीएमओ और बिसरख स्थित सीएचसी के प्रभारी डॉ सचेंद्र मिश्र ने मौके पर पहुंचकर घटना की जांच की।उसके बाद डॉ मिश्र ने थाना सैक्टर 24 में अस्पताल के प्रबंधकों और चिकित्सकों के खिलाफ लापरवाही से मौत का मामला दर्ज कराया है।रिपोर्ट दर्ज कर पुलिस मामले की जांच कर रही है।शव का पोस्टमार्टम कराया जा रहा है।पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही इस बात का पता चलेगा कि व्यक्ति की मौत कैसे हुई।उसका कोविड-19 का टेस्ट भी कराया जा रहा है।डॉ दीपक ओहरी ने बताया कि मामले को गंभीरता से लेते हुए इसकी जांच के लिए एक उच्च स्तरीय समिति बनाई गई है।जिसमें नोएडा के जिला अस्पताल की मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ वंदना शर्मा, अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी वी बी ढाका तथा अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ अमित को शामिल किया गया है। उन्होंने बताया कि समिति से कहा गया है कि वह जल्द से जल्द अपनी रिपोर्ट दे।अगर जांच में यह बात साबित होती है कि उक्त व्यक्ति की मौत अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही से हुई है तो अस्पताल प्रबंधन व अस्पताल के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।


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