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माैत का डर ताे वहम था, आज नशा जिंदगी से बडा हाे गया!

फ्यूचर लाइन टाईम्स. मनोज तोमर ब्यूरो चीफ


मंदिर-मस्जिद बंद कराकर ,


लटका विद्यालय पर ताला !
सरकारों को खूब भा रही ,
धन बरसाती मधुशाला !! 😐


     डिस्टेंसिंग की ऐसी तैसी ,
     लाकडाउन को धो डाला !
     भक्तों के व्याकुल हृदयों पर
     रस बरसाती मधुशाला ।।😐


बन्द रहेंगे मंदिर मस्ज़िद ,
खुली रहेंगी मधुशाला।
ये कैसे महामारी है ,
सोच रहा ऊपरवाला।।😐


नशा मुक्त हो जाता भारत
तो कैसे चलती मधुशाला
व्यवसाय रुका है उन गरीबों का,
 जो नोट की जपते थे माला।।😐


नहीं मिल रहा राशन पानी,
मगर मिलेगी मधुशाला।
भाड़ में जाए जनता बेचारी,
दर्द में है पीने वाला।।😐


आपत्ति नहीं जताओ कोई,
खुलने दो ये मधुशाला।
कोराना मुक्त होगा भारत,
जब ठेके पर चलेंगे त्रिशूल और भाला।।😐


मेरी विनती है तुम सब से,
गर जाए कोई मधुशाला।
वापिस ना आने दो उसको,
तुम बंद करो घर का ताला।।😐


दुनिया है बरबाद,
और इन्हे चाहिए मधुशाला।
घर में ही रह लो पागल लोगो,
ना बचा पाएगा वो रखवाला।।😐


मंदिर मस्जिद बंद पड़े हैं,
मगर खुलेंगी मधुशाला।
ये कैसे महामारी है,
सोच रहा ऊपर वाला।।😐


 एक बाेतल शराब के लिए,
कतार मे जिंदगी लेकर खडा हाे गया,


माैत का डर ताे वहम था, आज नशा जिंदगी से बडा हाे गया!


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