कोरोना वायरस के ऊपर कुछ पंक्तियां प्रस्तुत की ठाकुर ऋषि पाल पमार
कोरोना के कष्ट काल में हुआ हर्ष का वर्धन है।
उठा लिया कलयुगी कृष्ण ने फिर से एक गौवर्धन है।
डब्ल्यू एच ओ की कमान अब हाथ हमारे आई है।
करना होगा डॉक्टर तुमको सहर्ष स्वास्थ्य संवर्धन है।
विश्व गुरु बनने की राह पर चला आज ये भारत है।
इसकी ताकत के आगे अब सारी शक्ति गारत है।
हालांकि एक बुरे समय पर हुआ बड़ा परिवर्तन है।
उठा लिया कलयुगी कृष्ण ने फिर से एक गौवर्धन है।
माना कि ये क्रम में था और बारी भारत की ही है।
लेकिन महामारी पर लगाम लगी तो भारत की ही है।
बुरे समय पर मिली लगाम क्या ये भी कम घर्षण है।
उठा लिया कलयुगी कृष्ण ने फिर से एक गौवर्धन है।
लेकिन हम विपरीत समय में कुछ अच्छा कर पाएंगे।
निश्चित है हम सकल विश्व में नाम बड़ा कर जायेंगे।
अब तो हमको हर बीमारी का करना खुद ही मर्दन है।
उठा लिया कलयुगी कृष्ण ने फिर से एक गौवर्धन है।
0 टिप्पणियाँ