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ग्रेटर नोएडा वेस्ट में फ्लैट की छत गिरी

 


ग्रेटर नोएडा वेस्ट की हाउसिंग सोसाइटीज में घटिया कंस्ट्रक्शन के कारण अक्सर हादसे होते रहते हैं। बुधवार की सुबह अजनारा होम्स हाउसिंग सोसायटी के एक फ्लैट की छत भरभरा कर गिर गई। उस वक्त कमरे में मौजूद परिवार के सदस्यों में से एक बच्चे को चोट लगी हैं। बच्चे को अस्पताल ले जाया गया है। उनकी हालत सामान्य बताई जा रही है। मामले में पुलिस से शिकायत की गई है। पुलिस का कहना है कि उचित कार्यवाही की जाएगी।मिली जानकारी के मुताबिक अजनारा होम्स सोसाइटी के फ्लैट नंबर जे-1902 में मंगलवार की सुबह यह हादसा हुआ। फ्लैट में रहने वाले सिद्धार्थ अग्रवाल के बेडरूम की छत का एक हिस्सा टूट कर गिर गया। बताया जा रहा है कि उस वक्त परिवार के सदस्य बेडरूम में ही मौजूद थे। बच्चे को चोट लग लगी हैं। परिवार ने इसकी शिकायत पुलिस से की ही। अजनारा के ही निवासी दिनकर का कहना है कि यहां कंस्ट्रक्शन क्वालिटी अच्छी नहीं है। आये दिन बिल्डिंग मे कुछ ना कुछ प्रॉब्लम आती रहती हैं। छत का जो हिस्सा गिरा है, वो इतना बड़ा है कि अगर वो किसी पर सीधे गिरता तो कुछ भी हो सकता था।इस घटना को लेकर किए गए एक ट्वीट पर गौतमबुद्ध नगर पुलिस की ओर से जवाब दिया गया है। पुलिस का कहना है कि मामले में उचित कार्रवाई की जाएगी। सूचना मिलने के बाद पुलिस हाउसिंग सोसायटी पहुंची और परिवार से मिलकर पूरे मामले के बारे में जानकारी ली है। बच्चे को उपचार के लिए अस्पताल ले जाया गया है। उसकी हालत गम्भीर बताई जा रही है। दूसरी ओर इस मामले में दादरी के विधायक तेजपाल सिंह नागर ने भी ट्वीट किया है। उन्होंने लिखा "इस प्रकार के आपराधिक कृत्य के लिए अवश्य दोषियों को सजा मिलनी चाहिए। मासूम नागरिकों की जान को मुसीबत में डालने वालों पर कड़ी कार्यवाही हो।"इस बारे में सिद्धार्थ अग्रवाल से बात करने का प्रयास किया गया लेकिन वह बहुत ज्यादा परेशान हैं। फिलहाल बच्चे को लेकर अस्पताल गए हैं। उन्होंने बताया कि बच्चे को काफी चोट आई हैं। डॉक्टर उसकी जांच कर रहे हैं। वह अभी अस्पताल में ही हैं। इस बारे में जल्दी ही विस्तार से चर्चा करेंगे।ग्रेटर नोएडा वेस्ट में इस तरह का हादसा कोई पहली बार नहीं हुआ है। लगातार इस तरह की घटनाएं सामने आ रही हैं। ग्रेटर नोएडा वेस्ट की हाउसिंग सोसाइटीज में फ्लैट्स की छतें गिरना आम बात हो गई है। पहले भी इस तरह के हादसे में कई लोगों को गंभीर चोट लग चुकी हैं। दरअसल, बिल्डरों ने निर्माण इतना ज्यादा घटिया किया है की फ्लैट में कोई भी हिस्सा टूटकर खुद ही गिर जाता है। छोटा-मोटा आंधी-तूफान आने पर ग्रेटर नोएडा वेस्ट की हाउसिंग सोसाइटीज में बड़े नुकसान होते हैं। फ्लैट्स में रहने वाले लोगों को आंधी तूफान आते ही दहशत हावी हो जाती है। बालकोनी, छत, रेलिंग और ग्रिल टूट कर गिरने लगते हैं।ग्रेटर नोएडा वेस्ट में फ्लैट खरीदारों की सामाजिक संस्था नेफोवा के अध्यक्ष अभिषेक कुमार का कहना है कि इन हादसों के बारे में न जाने कितनी बार कहां-कहां शिकायत कर चुके हैं। सरकार, विकास प्राधिकरण, जिला प्रशासन और पुलिस में शिकायतें दे देकर थक चुके हैं। अब तो ज्यादातर लोगों के घर कानूनी रूप से भी मालिकों की जिम्मेदारी बन चुके हैं। दरअसल, लोगों को ग्रेटर नोएडा वेस्ट में रहते हुए 5 वर्षों से ज्यादा समय बीत चुका है। ऐसे में बिल्डर जिम्मेदारी लेने से बचने लगे हैं। दूसरी ओर विकास प्राधिकरण, रेरा और जिला प्रशासन बिल्डरों पर आसानी से कोई कार्यवाही नहीं करते हैं। ऐसे में आम आदमी ही धक्के खाकर शांत बैठ जाता है।रियल एस्टेट रेगुलेटरी एक्ट के मुताबिक घर खरीदार के कब्जा लेने के 5 वर्षों के दौरान अगर किसी भी तरह का हादसा या निर्माण में कमी पाई जाती है तो इसके लिए निर्माणकर्ता कंपनी जिम्मेदार होती है। ऐसे में निर्माण की कमी के आधार पर कार्यवाही की जा सकती है। निर्माण करने वाली बिल्डर कंपनी से मुआवजा भी वसूला जा सकता है। घर की कीमत भी वसूली जा सकती है।


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