फ्यूचर लाइन टाईम्स
धीरेन्द्र अवाना
नोएडा : कोरोना वायरस के बढ़ते प्रभाव को देखते हुये जहा एक ओर मानवता बस कहने भर का शब्द रह गया है।ये ऐसा समय है जब लोग कोरोना की वजह से अपनों के भी शव उठाने को राजी नही।वही दूसरी ओर गौतमबुद्ध नगर के जिलाधिकारी सुहास एल वाई ने जिन्होंने इन सबसे उठ मानवता दिखाते हुये कोरोना से पीड़ित एक बुजुर्ग की मौत होने पर उसका अंतिम संस्कार करवाया।आपको बता दे कि नोएडा के सैक्टर-19 में रहने वाले व्यक्ति के साथ भी मंगलवार को कुछ ऐसा ही हुआ।कोरोना से मौत के बाद जब उनकी बेटी लॉकडाउन के चलते गुजरात से नोएडा नहीं आ सकी तो उन्होंने रिश्तेदारों व स्वजनों से गुहार लगाई।लेकिन कोरोना के डर के मारे किसी ने भी अंतिम संस्कार कराने की हामी भरी।इस विपरीत समय में बेबस बेटी ने जिलाधिकारी सुहास एल वाई को फोन किया और अपने पिता को अंतिम विदाई देने की अपील की। डीएम ने भी तुरंत मानवता दिखाते हुये उसके पिता के अंतिम संस्कार में शामिल हुये।बताते चले की ग्रेटर नोएडा के शारदा अस्पताल में सैक्टर-19 में रहने वाले 60 वर्षीय व्यक्ति की कोरोना के चलते मौत हो गई थी।मृतक की पत्नी भी कोरोना पॉजिटिव हैं।अंतिम संस्कार के लिए कोइ भी परिजन ना मिलने पर जिला प्रशासन ने गुजरात में रहने वाली उनकी पुत्री सोम लता सिंह को सूचना दी।जिससे वह बहुत आहत हुये।लेकिन खुद के गुजरात में फंसे होने का हवाला देकर सगे संबंधियों के जरिए अंतिम संस्कार कराने की अपील की।जिला प्रशासन ने जब मृतक के सगे संबंधियों से संपर्क किया तो सबने कोरोना वायरस के चलते अंतिम निवास पर पहुंचने से मना कर दिया।इस बीच मृतक की बेटी ने जिलाधिकारी सुहास एलवाई को फोन किया तो उन्होंने मानवता का परिचय देते हुये नगर मजिस्ट्रेट उमाशंकर सिंह, कोविड-19 शारदा अस्पताल में आइसोलेशन वार्ड के इंचार्ज डॉ. अभिषेक त्रिपाठी के साथ व्यक्ति के अंतिम संस्कार में पहुंचे।
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