फ्यूचर लाइन टाईम्स
मनोज तोमर
नोएडा : जन आंदोलन के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमवीर आर्य एडवोकेट द्वारा राष्ट्रपति प्रधानमंत्री, हरियाणा राज्यपाल ,मुख्यमंत्री हरियाणा एवं सचिव कार्मिक विभाग को लिखे पत्र में स्पष्ट रूप से रानी नागर आईएएस के द्वारा दिनांक मई 4, 20 20 को दिए गए इस्तीफे मैं एक लाचार स्त्री न्याय की गुहार लगाते लगाते समाज एव दैश में फैले भ्रष्टाचारियों के आगे घुटने टेक दिए जिसका जीता जागता उदाहरण रानी नागर आईएएस इस्तीफा दर्शाता है । रानी नागर द्वारा कहे अनुसार अनेकों बार उच्च अधिकारियों से अपने शोषण की आवाजें पहुंचाई गई लेकिन उच्च पदों पर बैठे इतने ऊंचे स्तर पर बैठे हुए थे की एक अबला स्त्री की आवाज उन तक नहीं पहुंच पाई और आज जिसका उदाहरण आईएस रानी नागर ने मेल के माध्यम से इस्तीफा देकर सिद्ध कर दिया कि केंद्र सरकार एवं राज्य सरकार स्त्री जाति की बातें करना केवल और केवल दिखावा ही है। एक आईएएस अधिकारी भ्रष्टाचार पीड़िता अपने बचाव के लिए गुहार लगाए तो उसकी भी आवाज नहीं सुनी गई तो आम जन की आवाज कहां तक सुनी जाएगी ? यह विचारणीय प्रश्न है। रानी नागर आईएएस प्रकरण से ऐसा प्रतीत होता है कि देश में भ्रष्टाचारियों का बोलबाला है और भारत देश जिसको केंद्र सरकार विश्व गुरु बनाने की तरफ अग्रसर है वहीं पर स्त्री जाति का अपमान किया जा रहा है स्त्री जाति असहाय नजर आ रही है । किसी स्त्री द्वारा सम्मानित पद को त्याग करना केवल भ्रष्टाचार के कारण यह देश का दुर्भाग्य है। जन आंदोलन एक सामाजिक संगठन की तरफ से आप सभी से विनम्र निवेदन है आईएस रानी नागर का इस्तीफा अस्वीकार किया जाए और रानी नागर द्वारा लगाए गए आरोप मैं सुनील गुलाटी व चंडीगढ़ पुलिस के अधिकारियों की निष्पक्ष जांच करते हुए दोषी पाए जाने पर कड़ी से कड़ी सजा दिलाई जाए जिससे यह सिद्ध हो की बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ सरकारों की करनी और कथनी में जरा भी अंतर नहीं है और भविष्य में ऐसा करने वाले भ्रष्टाचारियों को सबक प्राप्त हो
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