फ्यूचर लाइन टाईम्स... .
मंदिर सारे साथ खड़े हैं, मस्जिद बात बिगाड़ रही।
कोरोना से खुली जंग में,
पीछे हमें पछाड़ रही।
मस्जिद का ही साथ दे रहे, जमात और गुरुद्वारा भी।
उनको जरा नहीं लगता कि,
देश है तनिक हमारा भी।
पुलिस डॉक्टर और मीडिया,
कोरॉना को लताड़ रही।
मंदिर साथ खड़े हैं सारे,
मस्जिद बात बिगाड़ रही।
कोरोना से खुली जंग में,
पीछे हमें पछाड़ रही।
जंग जीत की ओर चली थी,
रोका इसे जमात ने।
डेढ़ हजार लोगों की जिद ने,
सत्ता के जज्बात ने।
खाकी झुंझलाहट में आकर,
इनको खूब लताड़ रही।
मंदिर साथ खड़े हैं सारे,
मस्जिद बात बिगाड़ रही।
कोरोना से खुली जंग में,
पीछे हमें पछाड़ रही।
दिल्ली की सरकार ने मन से, जीत की बात ना चाही है।
सच पूछो तो इस सबमें,
झाड़ू की लापरवाही है।
देश तलाश रहा था इनको,
और दिल्ली देती आड रही।
मंदिर साथ खड़े हैं सारे,
मस्जिद बात बिगाड़ रही।
कोरोना से खुली जंग में,
पीछे हमें पछाड़ रही।
देश मुसीबत में गर हो तो,
धर्म की बात नहीं करते।
लेकिन क्यों फिर इन सबके,
कौमी जज्बात नहीं मरते।
राक्षसों की अलग सी दुनिया, बन भारत में झाड़ रही।
मंदिर साथ खड़े हैं सारे,
मस्जिद बात बिगाड़ रही।
कोरोना से खुली जंग में,
पीछे हमें पछाड़ रही।
पहले चुन चुन कर मस्जिद से, बाहर इन्हें निकालो तुम।
देशद्रोह का करो मुकदमा,
जेल में इनको डालो तुम।
लेकिन अन्य कैदियों से भी, लगी बीच में बाड रही।
मंदिर साथ खड़े हैं सारे,
मस्जिद बात बिगाड़ रही।
कोरोना से खुली जंग में,
पीछे हमें पछाड़ रही।
पत्रकार मनोज तोमर" विकट "।
Ph. 8171486801.सीदीपुर" (दादरी)
गौतम बुध नगर (उत्तर प्रदेश)
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