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क्राइम ब्रांच ने मौलाना साद से पूछे 26 सवाल, साद की बढ़ सकती हैं मुश्किलें !

फ्यूचर लाइन टाईम्स


दिल्ली  : पूरे देश में निजामुद्दीन स्थित तब्लीगी जमात से जुड़े लोगों के कोरोना वायरस के लक्षण पाए जाने के साथ ही दिल्ली सरकार सख्त हो गई है। पूर्व में जमात के अमीर मौलाना मोहम्मद शाद और उनके साथ ही 6 लोगों पर रिपोर्ट दर्ज कराई जा चुकी है। इसके बाद मौलाना साद भूमिगत हो गए हैं। जिसके चलते दिल्ली पुलिस को उन्हें ढूंढ निकालना चुनौतीपूर्ण हो गया है।


इसी दौरान दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने मौलाना साद से 26 सवाल पूछे थे। इन सवालों का जवाब मौलाना साद ने आज अपने वकील के जरिए भेज दिया है। मौलाना साद ने कहा है कि वो अभी सेल्फ क्वारंटीन में हैं और अभी मरकज बंद है। इसके चलते वह सामने नहीं आ रहे हैं। जब मरकज खुलेगा तब बाकी सवालों के जवाब देंगे।


गौरतलब है कि 2 अप्रैल को मौलाना साद ने अपना ऑडियो जारी किया था। जिसमें उन्होंने बताया था कि वह आइसोलेशन में हैं। उन्होंने अपने समर्थकों और मुसलमानों से सरकारी आदेश का पालन कर भीड़ इकट्ठा नहीं करने की अपील भी की। हालांकि, इससे पहले जारी एक ऑडियो में मौलाना बीमारी से कुछ नहीं बिगड़ने की बात और मस्जिदों में ही जाकर नमाज पढ़ने की बात कही थी। जिससे वह लोगों के निशाने पर आ गए थे।


गत 1 अप्रैल को दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने मौलाना साद को नोटिस भेज कर इस मरकज और वहां जुटे जमातियों से संबंधित 26 सवाल पूछे हैं। जिसमें क्राइम ब्रांच ने मौलाना साद से जमात के सदस्यों का पता, उनसे संपर्क करने का जरिया, उनका पैन नंबर और बैंक डिटेल पूछा है। इसी के साथ मौलान साद को यह भी बताना होगा कि 1 जनवरी, 2019 से लेकर अब तक मरकज में कितने लोगों की भीड़ इकठ्ठा हुई थी ?


दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने मरकज में 12 मार्च के बाद से जुटी भीड़ को लेकर कमेटी से कहा है कि वो इन लोगों के नामों के बारे में भी उन्हें विस्तृत जानकारी दें। इसमें विदेशी जमाती भी शामिल हैं। इसके अलावा मौलाना साद को जो नोटिस दिया गया है उसमें पूछा गया है कि मरकज के दौरान कितने विदेशी ऐसे थे जिनकी तबीयत खराब हुई और जिनकी मौत हो गई?


उनके बारे में भी क्राइम ब्रांच ने जानकारी मांगी है। क्राइम ब्रांच जमातियो के सोर्स ऑफ इनकम की भी जांच पड़ताल में जुटी है। क्राइम ब्रांच ने जमातियों के जो बैंक डिटेल्स मांगे हैं उसमें उन्हें पिछले एक साल के बैंक स्टेटमेंट के अलावा तीन साल के टैक्स रिटर्न के बारे में भी जानकारी देनी होगी। एक इसी तरह का नोटिस इस मामले में 6 अन्य आरोपियों को भी दिया गया है।


इन सभी आरोपियों से मरकज के साइट प्लान के बारे में पूछा गया है। इसमें मस्जिद और उसमें रहने के इंतजामों के अलावा यह भी पूछा गया है कि वहां कितने सीसीटीवी कैमरे लगे हैं? क्राइम ब्रांच ने यह भी पूछा है कि मरकज कितने दिनों का होता है और अलग-अलग मरकज में कौन-कौन लोग शामिल हुए? इनके बारे में भी विस्तृत उन्होंने मौलाना मोहम्मद शाद से मांगी है।


याद रहे कि निजामुद्दीन मर्कज़ में रुके लोगों को कोरोना जांच के लिए दिल्ली के अलग-अलग अस्पतालों में आइसोलेशन में रखा गया है। फिलहाल दिल्ली सरकार के आदेश पर निजामुद्दीन मर्कज़ को सील कर दिया गया है। पुलिस का दावा है कि मौलाना साद फरार हैं। वह भूमिगत होकर कार्यवाही को अंजाम दे रहा है। जबकि इस बाबत मर्कज़ के वकील का कहना है कि मौलाना साद अपने घर पर ही सेल्फ क्वारंटीन में हैं।


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